नई दिल्ली. जहां सारी दुनिया चीनी वायरस से जूझ रही है वहीं चीन अपने एजेन्डे पर लगा हुआ है. लेकिन कहते हैं –जैसी नीयत वैसी बरक्कत. चीन के साथ भी यही हुआ और उसका प्रक्षेपित रॉकेट अपना सा मुंह लेकर वापस आ गया और धरती पर गिर कर टुकड़े-टुकड़े हो गया है.
आठ दिनों में है ये दूसरी घटना
अंतरिक्ष में इस तरह की ये दूसरी घटना है. चीन के रॉकेट के जमीन पर आ गिरने की घटना से एक हफ्ते पहले रूस का अंतरिक्ष यान भी इसी तरह बिखर कर धरती पर आ गिरा था. 7 मई को रूस का एक रॉकेट भी इसी तरह बिखर गया था और उसके टुकड़े हिंद महासागर में आ गिरे थे.
लॉन्ग मार्च 5बी रॉकेट में आई थी खराबी
चीन के द्वारा प्रक्षेपित रॉकेट लॉन्ग मार्च 5बी में खराबी आने की जानकारी मिली थी जिसके कुछ ही क्षणों के भीतर यह रॉकेट कई टुकड़ों में बिखर कर धरती पर आ गिरा था. इसके एक हफ्ते पहले रूस का रॉकेट फ्रेगैट-एसबी के 8 मई को स्पेस में 65 टुकड़े हो गये थे जो कि हिंद महासागर में आ गिरे थे. अमेरिका की US18 स्पेस कंट्रोल स्क्वाड्रन इनकी तलाश करस रही है.
अंतरिक्ष वैज्ञानिक हुए चिन्तित
अंतरिक्ष वैज्ञानिक विचार कर रहे हैं कि क्या कारण है कि सिर्फ आठ दिनों के भीतर दो दो स्पेसशिप टूट कर बिखर गये और धरती पर आ गिरे. दोनो ही अंतरिक्ष यानों के टूटने-बिखरने की घटना में अंतरिक्ष वैज्ञानिक एक साम्यता देख रहे हैं जिससे उनके माथे पर बल पड़ रहे हैं. फ्रेगैट-एसबी और लॉन्ग मार्च 5बी के टूटने की घटनाओं में जो समानता नजर आ रही है वो ये है कि दोनो यानों के टूटकर बिखरने का पता अंतिम समय में चला था. वैज्ञानिकों की चिन्ता है कि यह कहीं इन यानों पर एलियन्स का हमला तो नहीं?
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