नई दिल्ली: चीन और अमेरिका के बीच नई जंग की शुरुआत डोनाल्ड ट्रंप के एक ट्विट से हुई. जिसमें उन्होंने सोमवार को एक ट्वीट करके कोरोना को चाइनीज वायरस करार दिया.
चीन ने जारी की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस ट्वीट से चीन की भौंहे टेढ़ी हो गईं. चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्रंप को चेतावनी देते हुए कहा कि अमेरिका को चीन को लांछित करने की बजाए खुद पर ध्यान देने की जरूरत है.
चीन का कहना है कि 'बेहतर होगा कि अमेरिका अपने खुद के बिजनेस पर फोकस करे, चीन को बदनाम करने की कोशिश अमेरिका ना करे. हम अमेरिका से अपील करते हैं कि वो अपनी गलती में तुरंत सुधार करे और चीन के खिलाफ बेबुनियाद आरोप लगाने से बाज आए.'
चीन के मीडिया ने भी जारी किया सख्त बयान
चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी सिन्हुआ ने भी ट्रंप के ट्वीट को लेकर कड़ी आपत्ति जताई है. सिन्हुआ के बयान के मुताबिक 'ट्रंप की भाषा नस्लवादी और बेवजह का भय पैदा करने वाली है. इससे वहां के राजनेताओं के गैर जिम्मेदाराना और अपरिपक्व व्यवहार का पता चलता है.'
अमेरिका ने आरोप लगाना बंद नहीं किया
दिलचस्प ये है कि चाइनीज वायरस लिखकर चीन की किरकिरी कराने के बाद भी अमेरिका इससे बाज नहीं आ रहा. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो लगातार इसे वुहान वायरस बता रहे हैं.
दरअसल कोरोना वायरस को लेकर चीन और अमेरिका के बीच तल्खी तब बढ़ गई जब पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्रालय ने ये कह दिया कि इस वायरस को अमेरिकी आर्मी साजिशन वुहान लेकर आई थी.
चीन के इस गंभीर आरोप पर अमेरिका भड़क गया. माइक पॉम्पियो ने कहा कि चीन अमेरिका पर उल-जुलूल का आरोप लगाना बंद करे. माइक पॉम्पियो ने ये भी कहा कि चीन इस तरह का बयान देकर कोरोना वायरस के आउटब्रेक की जिम्मेदारी किसी और पर थोपना चाहता है.
चीन अमेरिका के बीच नई तल्खी का कारण बना कोरोना
अमेरिका और चीन के बीच कोरोना वायरस के फैलने के पहले से ही ट्रेड वार चल रहा है. जिसे लेकर दोनों देशों में तल्खी बढ़ी हुई है. हैरानी ये है कि इतनी बड़ी महामारी फैलने के बाद भी दोनों देशों के बीच कटुता कम नहीं हुई है.
चीन ने अपने यहां तो कोरोना पर काफी हद तक काबू पा लिया है लेकिन अमेरिका में ये महामारी विकराल होती जा रही है. पिछले 24 घंटे में चीन में कोरोना के सिर्फ 21 मामले सामने आए हैं जबकि अमेरिका में इसी दौरान 80 मामले सामने आ चुके हैं.