कौन हैं मिहिर मेघानी, जो अमेरिका में हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए देंगे करोड़ों रुपये

भारतीय मूल के एक अमेरिकी चिकित्सक ने अमेरिका में हिंदू धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए 40 लाख डॉलर देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि हिंदू सिर्फ एक धर्म ही नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है. आपातकालीन देखभाल चिकित्सक मिहिर मेघानी ने दो दशक पहले अपने दोस्तों के साथ 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' की स्थापना की थी.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 24, 2023, 01:55 PM IST
  • हिंदू संगठनों को दिया दान
  • आपातकालीन डॉक्टर हैं मिहिर
कौन हैं मिहिर मेघानी, जो अमेरिका में हिंदू धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए देंगे करोड़ों रुपये

नई दिल्लीः भारतीय मूल के एक अमेरिकी चिकित्सक ने अमेरिका में हिंदू धर्म को लेकर जागरूकता फैलाने और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए 40 लाख डॉलर देने का वादा किया है. उन्होंने कहा कि हिंदू सिर्फ एक धर्म ही नहीं, बल्कि जीवन पद्धति है. आपातकालीन देखभाल चिकित्सक मिहिर मेघानी ने दो दशक पहले अपने दोस्तों के साथ 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' की स्थापना की थी.

उन्होंने इस महीने की शुरुआत में वार्षिक सिलिकॉन वैली समारोह में अगले आठ वर्षों में हिंदू हित के लिए 15 लाख डॉलर प्रदान करने का वाद किया था. इसके साथ ही हिंदू हित के उद्देश्य से वह दो दशक में 40 लाख डॉलर प्रदान करेंगे.

हिंदू संगठनों को दिया दान
डॉ. मेघानी ने 'पीटीआई-भाषा' को एक साक्षात्कार में बताया, 'मेरी पत्नी तन्वी और मैंने, अब तक 'हिंदू अमेरिकन फाउंडेशन' को 15 लाख डॉलर का योगदान दिया है. हमने पिछले 15 वर्षों में अन्य हिंदू और भारतीय संगठनों को इस उद्देश्यों के लिए दस लाख डॉलर से भी अधिक का योगदान दिया है. अगले आठ वर्षों में हम भारत समर्थक और हिंदू संगठनों को 15 लाख डॉलर देने का संकल्प ले रहे हैं.' 

आपातकालीन डॉक्टर हैं मिहिर
उन्होंने कहा, 'मेरी कोई स्टार्टअप कंपनी नहीं है, मेरा कोई साइड बिजनेस नहीं है, मैं वेतन पर एक आपाताकालीन डॉक्टर हूं. मेरी पत्नी एक फिटनेस प्रशिक्षक और आभूषण डिजाइनर हैं. हम प्रतिवर्ष लाखों डॉलर नहीं कमा रहे हैं. हमारे पास शेयर के विकल्प नहीं है. हम ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह हमारा धर्म है, यह हमारा कर्तव्य है.' 

'हिंदू धर्म को आसानी से नहीं समझते अमरिकी'
एक सवाल का जवाब देते हुए डॉ. मेघानी ने कहा कि अधिकतर अमेरिकी लोग हिंदू धर्म को आसानी से नहीं समझते हैं, क्योंकि यहां अधिकतर लोग ईसाई हैं. उन्होंने कहा, 'वे (अमेरिकी) अब्राहमिक पृष्ठभूमि से आते हैं. जब वे अलग-अलग धर्मों को देखते हैं, तो वे यह नहीं समझ पाते कि हिंदू धर्म सिर्फ एक धर्म नहीं है, एक जीवन पद्धति है. यह जीवन के बारे में सोचने का एक तरीका है.'

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