सैन फ्रांसिस्को: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA ) ने आर्टेमिस-1 (Artemis 1) मून मिशन को लॉन्च नहीं करने का फैसला लिया है. मिशन में दो बार असफल रहने के बाद वैज्ञानिक विकल्पों की समीक्षा कर रहे हैं. शनिवार को नासा ने आर्टेमिस-1 के दूसरे लॉन्च की तैयारी की. लेकिन लिक्विड हाइड्रोजन फ्यूल फीड लाइन और स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस) रॉकेट के बीच कनेक्शन टूटने से गैस लीक होने लगी. फिर वैज्ञानिकों ने फैसला किया कि वे सितंबर की शुरुआत में इस मिशन को लॉन्च नहीं करेंगे.
क्या है एलन मस्क का सुझाव
टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलन मस्क रविवार को इस मिशन के लिए एक सुझाव लेकर आए, जो दशकों बाद अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की सतह पर उतारेगा. एआरएस टेक्निका के एरिक बर्जर के अनुसार, मस्क ने कहा कि "रैप्टर डिजाइन एच2 (हाइड्रोजन) का उपयोग करके शुरू हुआ, लेकिन सीएच 4 (हाइड्रोजन) में बदल गया. मेरी राय में बाद वाला उच्च दक्षता और संचालन में आसानी का सबसे अच्छा संयोजन है."
एलन मस्क ने कहा, "एच2 और सीएच4 के बीच डेल्टा-5 अंतर अधिकांश मिशनों के लिए पर्याप्त नहीं है, क्योंकि सीएच4 टैंक बहुत छोटा है और किसी इन्सुलेशन की जरूरत नहीं है." डेल्टा-5 वेलोसिटी का अंतर है, जो एक रॉकेट इंजन विशिष्ट आवेग और वाहन के द्रव्यमान में भिन्नता के कार्य के रूप में अंतरिक्ष यान पर लगा सकता है.
मीथेन के उत्पादन का सुझाव
मस्क के अनुसार, मंगल पर सीएच4 (मीथेन) का उत्पादन करना आसान है और लॉन्च मिशन के लिए 'बहुत महत्वपूर्ण' है. स्पेसएक्स लिक्विड मीथेन और हाइड्रोजन को फ्यूल के रूप में उपयोग करने वाली पहली कंपनियों में से एक है. आने वाले दिनों में नासा तीसरी बार आर्टेमिस-1 मिशन को लॉन्च करने की कोशिश कर सकता है.
ये भी पढ़ें- हिंद महासागर की सुरक्षा पर अमेरिका और भारत करेंगे वार्ता, अगले हफ्ते दिल्ली में बैठक
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.