40 साल बाद भारत को मिलीं श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की सदियों पुरानी मूर्तियां

भगवान राम (Shri Ram) उनके अनुज लक्ष्मण और सीता की सदियों पुरानी मूर्तियां अब भारत को वापस मिलने जा रही हैं. ये भारत के बहुत महान सफलता है.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Sep 16, 2020, 10:15 AM IST
    • तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी की गई थीं मूर्तियां
    • ऐतिहासिक गौरव का परिचय कराती हैं ये मूर्तियां
40 साल बाद भारत को मिलीं श्रीराम, लक्ष्मण और सीता की सदियों पुरानी मूर्तियां

नई दिल्ली: मोदी सरकार के कठिन परिश्रम और पीएम मोदी (PM Modi) की शानदार वैश्विक कीर्ति के बल पर भारत को महान सफलता हासिल हुई है. मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण की करीब 500 साल पुरानी ऐतिहासिक मूर्तियां भारत को वापस मिलने जा रही हैं.

केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल (Prahlad Patel) को लंदन स्थित उच्चायोग में ये तीन प्रतिमाएं सौंपी गई.

तमिलनाडु के एक मंदिर से चोरी की गई थीं मूर्तियां

आपको बता दें कि तमिलनाडु के एक मंदिर से 40 साल पहले चुराई गई 15वीं शताब्दी की तीन मूर्तियों को ब्रिटिश पुलिस ने मंगलवार को लंदन में भारतीय उच्चायोग को सौंप दिया. संस्कृति मंत्रालय की ओर से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई. केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल, लंदन स्थित उच्चायोग में तीन प्रतिमाओं को सौंपे जाने के समारोह में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए थे.

क्लिक करें- LAC Tension: संसद में रक्षामंत्री के बयान से घबराया चीन, हड़बड़ाहट में कही ये बात

ऐतिहासिक गौरव का परिचय कराती हैं ये मूर्तियां

अपने उद्बोधन में संस्कृति मंत्री ने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद विदेश से हमें केवल 13 मूर्तियां वापस मिली थीं लेकिन 2014 से अब तक हम 40 से अधिक प्रतिमाओं को वापस लाने में सफल रहे हैं और आने वाले वर्षों में और कलाकृतियां लाने का प्रयास कर रहे हैं.

क्लिक करें- त्योहारों के सीजन में नौकरियों की भरमार, Flipkart देगा हजारों नौकरियां

उन्होंने कहा कि हम वाग्देवी की प्रतिमा को भारत वापस लाने के लिए ब्रिटिश संग्रहालय से बातचीत कर रहे हैं. गौरतलब है कि पीतल से निर्मित भगवान राम, लक्ष्मण और माता सीता की प्रतिमाएं भारतीय धातु कला का बेजोड़ नमूना हैं.  इन मूर्तियों को तमिलनाडु के नागपट्टिनम जिले में स्थित विजयनगर काल के एक मंदिर से 1978 में चुरा लिया गया था.

ट्रेंडिंग न्यूज़