बीजिंग. खबर ज़ाहिर है कि चीन से ही आई है लेकिन चीन की ये खबर चीन के सामान की तरह ही बिना किसी गारंटी वाली भी हो सकती है. फिर भी सवाल ये पैदा होता है कि चीन ये जो दावा कर रहा है क्या वह सच है? क्या सचमुच चीन का योगदान था भारत-पकिस्तान के बीच पुलवामा हमले के दौरान आये तनाव को काम करने में?
चीनी विदेश मंत्री ने दिया है बयान
यह बयान यदि चीनी विदेश मंत्री के श्रीमुख से आया है तो भी इसके सच होने की गारंटी सौ प्रतिशत नहीं हो सकती. यह चीन के विदेश मंत्रालय की रणनीति भी हो सकती है. आखिर क्यों पुलवामा हमले के इतने दिन बाद अचानक आज सो कर जाएगा है चीन और दुनिया को बता रहा है कि उसने शांत किया था दोनों देशों के बीच के तनाव को.
क्या कहा था वांग यी ने
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने शायद यह ज़ाहिर करना चाहा है कि साउथ ऐशियन पेनिनसुला में अभी भी चौधरी चीन ही है. उन्होंने अपने बयान में बताया कि चीन ने दोनों देशों की मध्यस्थता को पर्दे के पीछे से अंजाम दिया था. उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद चीन ने भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत के माध्यम से तनाव और मतभेद कम करने के दिशा में प्रयास किया था.
ये चीन की इस वर्ष की उपलब्धियों में गिना गया है
यह बयान विदेश मंत्री ने चीन में सत्तारूढ़ कम्यूनिस्ट पार्टी के न्यूज़ पेपर 'पीपुल्स डेली' को एक साक्षात्कार के दौरान हाल ही में दिया है और इसे चीन ने 2019 की अपनी एक कूटनीतिक उपलब्धि माना है. वैसे वांग यी ने पुलवामा हमले की बात सीधे सीधे नहीं कही पर ये बात इस तरह कही कि जब भारत पकिस्तान में तनाव चार्म सीमा पर पहुँच गया था तब चीन के विदेश उपमंत्री कोंग झुआनयू को पाकिस्तान भेजा गया था और उसे समझाया था.
''हमने एक सच्चे पड़ौसी की भूमिका निभाई है''
चीन में विदेशमंत्री के साक्षात्कार वाले न्यूज़ पेपर की प्रतियां मीडिया को बांटी गईं जिसमें यी वांग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच चेन्नई की दूसरी मीटिंग की बात कही है और उसके परिदृश्य में कहा है कि हमने अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों में सुधार हर स्तर पर किया है और इसी दिशा में चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग और प्रधानमंत्री मोदी ने चेन्नई में दूसरी सफल मीटिंग का आयोजन किया और इस तरह हम चीन-भारत संबंधों के विकास के मार्ग पर लगातार आगे बढ़े हैं.
ये भी पढ़ें. ऑस्ट्रेलिया में आग से निपटने में मदद कर रहा है सिख समुदाय