नई दिल्ली: जैश-ए-मोहम्मद और हिज्बुल मुजाहिद्दीन की लीडरशिप के सफाए के बाद पाकिस्तान की हर चाल कश्मीर में पिट चुकी है. लिहाजा अब इमरान खान, बाजवा और ISI ने मिलकर डेनियल पर्ल के हत्यारे को कश्मीर में आतंक की आग लगाने का जिम्मा सौंपने का फैसला किया है. साजिश के तहत पाकिस्तान ने जेल में बंद डेनियल पर्ल के हत्यारे को रिहा कराया है.
ब्रिटिश मूल का कट्टर आतंकी उमर शेख पहले भी कश्मीर में आग लगा चुका है. वो पहली बार चर्चा में तब आया था जब उसने 1994 में 4 विदेशी पर्यटकों का कश्मीर में अपहरण कर लिया था. सुरक्षा बलों ने बाद में ताबड़तोड़ छापेमारी के बाद उसे कश्मीर में धरदबोचा था. इसके बाद उमर शेख कई साल तक गाजियाबाद समेत कई देश की जेलों में रहा. लेकिन 1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के बाद जिन आतंकियों को छोड़ा गया था उनमें उमर शेख भी था जो अब 46 साल का हो चुका है.
जबकि दूसरे खतरनाक आतंकियों में मसूद अजहर और अहमद जरगर भी शामिल थे. मसूद अजहर जैश-ए-मोहम्मद का सरगना है और कंधार में रिहाई के बाद वो संसद समेत कई बड़े आतंकी हमले हिन्दुस्तान पर करा चुका है.
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पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर आतंकी हमला भी उसी ने कराया था जिसके बाद उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है लेकिन मसूद अजहर अब भी पाकिस्तान में खुलेआम अपनी आतंकी गतिविधियां चला रहा है और इमरान खान सरकार बालाकोट में उसे नए आतंकी कैंप बनाने में खुलकर मदद कर रही है. चीन भी चोरी छुपे मसूद अजहर की मदद कर रहा है ताकि भारत विरोधी आतंकी हमलों में उसका इस्तेमाल कर सके.
उमर शेख की रिहाई, सुरक्षा एजेंसियां सतर्क
अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की गला काटकर हत्या करने का आरोपी आतंकी उमर शेख की पाकिस्तान में रिहाई से भारत की सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं . उमर शेख ऐसा कट्टर आतंकी है जो कश्मीर में कई साल तक आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है और वहां के चप्पे- चप्पे से वाकिफ है.
लिहाजा चुनौती भारत के सामने गंभीर है लेकिन सुरक्षा बलों को जिस तरह से मोदी सरकार ने अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया है और घाटी में पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स, सेना और खुफिया एजेंसियों के बीच कॉर्डिनेशन है उससे सेना को यकीन है कि पाकिस्तान अगर उमर शेख को कश्मीर में भेजेगी तो उसका भी वही हाल होगा जैसा इस साल करीब 220 आतंकियों का हुआ है. डेनियल पर्ल की गर्दन काटने वाले आतंकी उमर शेख की कब्र भी कश्मीर में तैयार है बस उसके आने का सेना को इंतजार है.
पाकिस्तान की हरकत के आगबबूला अमेरिका
अमेरिकी अखबार वॉलस्ट्रीट जर्नल में काम करने वाले डेनियल पर्ल 2001 में पाकिस्तान आए थे. साल 2002 में कराची में वो आतंकवादियों पर एक स्टोरी को कवर कर रहे थे तभी आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया था. आतंकियों ने पर्ल का वीडियो जारी किया और दुनिया में फैलाया और फिर बेरहमी से गर्दन काटकर उन्हें मार दिया. अब आतंकी उमर शेख को पाकिस्तानी जेल से रिहा करने के फैसले पर अमेरिका ने आपत्ति जाहिर की है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एशियाई विभाग ने अपने बयान में कहा है कि पाकिस्तान की सिंध हाईकोर्ट से उमर शेख को रिहाई का आदेश आतंक के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई पर कुठाराघात है. अमेरिका ने कहा है कि अभी इस केस में लड़ाई जारी है ऐसे में रिहाई का आदेश गलत है. हम डेनियल पर्ल के परिवार के साथ लगातार खड़े हैं. आपको बता दें कि इससे पहले भी जब पहले उमर शेख की रिहाई की बात आई थी, तब भी अमेरिका ने गहरी आपत्ति जाहिर की थी.
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