नई दिल्लीः अलीबाबा के फाउंडर जैक मा जो पिछले तीन सालों में शायद ही कभी सार्वजनिक रूप से देखे गए हो, हांग्जो के एक स्कूल में फिर से नजर आए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी दी गई है. 58 वर्षीय जैक मा ने 2020 में चीन के वित्तीय नियामकों की आलोचना की थी, जिसके बाद वे सार्वजनिक तौर पर कम ही सामने आए.बीबीसी ने बताया कि उद्यमियों के विरूद्ध अभियान छेड़े जाने के बाद गायब हो जाने वाले जैक मा सबसे हाई प्रोफाइल अरबपति थे.
चीन लौटे जैक मा
साउथ चाइना मॉनिर्ंग पोस्ट के अनुसार, वह हाल ही में विदेश में एक साल से अधिक समय के बाद चीन लौटे हैं. अलीबाबा के स्वामित्व वाले अखबार ने बताया कि वह कुछ समय के लिए हांगकांग रुके थे, जहां वह दोस्तों से मिले और अंतरराष्ट्रीय कला मेले आर्ट बेसल का संक्षिप्त दौरा भी किया.
इसमें कहा गया है कि जैक मा कृषि प्रौद्योगिकी के बारे में जानने के लिए विभिन्न देशों की यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया कि वह हाल के वर्षों में सार्वजनिक रुप से क्यों गायब हो गए.
कर्मचारियों से की मुलाकात
जैक मा ने कर्मचारियों से मुलाकात की और हांग्जो के युंगु स्कूल में कक्षाओं का दौरा किया, जिस शहर में अलीबाबा का मुख्यालय है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल के सोशल मीडिया पेज के अनुसार, उन्होंने शिक्षा के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संभावित चुनौतियों के बारे में बात की.
उन्होंने कहा, चैटजीपीटी और इसी तरह की प्रौद्योगिकियां एआई युग की शुरूआत हैं. हमें इसके द्वारा नियंत्रित होने के बजाय समस्याओं को हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करना चाहिए.
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कभी चीन के सबसे धनी व्यक्ति जैक मा ने इस साल जनवरी में वित्तीय प्रौद्योगिकी दिग्गज एंट ग्रुप का नियंत्रण छोड़ दिया. कुछ टिप्पणीकारों की ओर से इसे बात के तौर पर सबूत के रूप में देखा गया कि मा के मुखर और बहुत शक्तिशाली होने के कारण वे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के निशाने पर आ गए थे.
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