भारत-कनाडा विवाद में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की एंट्री, कनाडाई पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

India-Canada dispute: भारत ने सोमवार को छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर दिया तथा दोनों देशों के बीच संबंध खराब होने के कारण ओटावा में अपने राजदूत को वापस बुला लिया.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Oct 15, 2024, 12:52 PM IST
  • कनाडा वोट बैंक की राजनीति कर रहा- भारत
  • कनाडा में क्या सक्रिय है बिश्नोई गिरोह?
भारत-कनाडा विवाद में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की एंट्री, कनाडाई पुलिस ने किया बड़ा खुलासा

Lawrence Bishnoi Gang: भारत द्वारा कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित करने और ओटावा से अपने राजदूत को वापस बुलाने के तुरंत बाद, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने आरोप लगाया कि उनके पास भारत सरकार के एजेंटों द्वारा संचालित व्यापक आपराधिक गतिविधि के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी है.

उन्होंने यह भी दावा किया कि उनका मानना ​​है कि भारत सरकार कनाडा की धरती पर अस्थिरता फैलाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के साथ मिलकर काम कर रही है.

RCMP की सहायक आयुक्त ब्रिगिट गौविन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यह (भारत) दक्षिण एशियाई समुदाय को निशाना बना रहा है, वे विशेष रूप से कनाडा में खालिस्तानी समर्थक तत्वों को निशाना बना रहे हैं. RCMP के दृष्टिकोण से हमने जो देखा है, वह यह है कि वे संगठित अपराध तत्वों का उपयोग करते हैं. संगठित अपराध समूह - (लॉरेंस) बिश्नोई समूह को जिम्मेदार ठहराया गया है. हमारा मानना ​​है कि यह समूह भारत सरकार के एजेंटों से जुड़ा हुआ है.'

भारत ने दिया ये जवाब
भारत ने इन आरोपों को बेतुका और जस्टिन ट्रूडो सरकार की वोट बैंक की राजनीति का हिस्सा बताया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को दृढ़ता से खारिज करती है और इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे का हिस्सा मानती है, जो वोट बैंक की राजनीति पर केंद्रित है.'

कनाडा की ओर से यह आरोप ऐसे समय में लगाए गए हैं जब भारत एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गिरोह की संलिप्तता की जांच कर रहा है.

भारत-कनाडा के बिगड़ते संबंध
भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध एक खालिस्तानी नेता की हत्या की चल रही जांच के बीच दोनों देशों द्वारा एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित करने के बाद बेहद खराब स्तर पर पहुंच गए हैं.

दोनों देशों के बीच संबंध पिछले वर्ष से तनावपूर्ण हैं, जब ट्रूडो ने दावा किया था कि उनके पास उनके देश में सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का हाथ होने के सबूत हैं.

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