नई दिल्लीः मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने सोमवार को कहा कि द्वीप राष्ट्र से भारतीय सैनिकों का पहला समूह 10 मार्च से पहले वापस भेजा जाएगा जबकि दो विमानन प्लेटफॉर्म में तैनात बाकी के भारतीय सैनिकों को 10 मई तक हटा दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, चीन समर्थक नेता माने जाने वाले मुइज्जू ने संसद में पहला संबोधन दिया. हालांकि इस दौरान उनके संबोधन का विपक्षी दलों ने बायकॉट किया और सिर्फ 24 सांसद ही मौजूद रहे. इस दौरान सिर्फ 56 सांसद ही मौजूद रहे.
राष्ट्रपति ने कहा कि उनका प्रशासन ऐसा कुछ भी नहीं करेगा जिससे देश की संप्रभुत्ता के साथ किसी प्रकार का समझौता होता हो. अगर इससे देश की स्वतंत्रता और संप्रभुता को खतरा होता है तो वह दृढ़ रहेंगे और किसी भी परिस्थिति में बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे.
उनसे सेना की मौजूदगी खत्म करने की है उम्मीद
उनका मानना है कि मालदीव के नागरिकों का एक बड़ा हिस्सा इस उम्मीद से उनके प्रशासन का समर्थन करता है कि वे देश से विदेशी सेना की मौजूदगी खत्म कर देंगे और समुद्री क्षेत्र को फिर से अपने कब्जे में लेंगे. उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन देश की संप्रभुता से खिलवाड़ करने वाला कोई भी समझौता नहीं करेगा.
भारत के सैनिकों से वापस जाने का किया है अनुरोध
मुइज्जू ने 17 नवंबर को मालदीव के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद भारत से 15 मार्च तक अपने सैन्यकर्मियों को उनके देश से वापस बुलाने का औपचारिक अनुरोध किया था. उन्होंने कहा था कि मालदीव की जनता ने उन्हें नई दिल्ली से यह अनुरोध करने के लिए 'मजबूत जनादेश' दिया है.
10 मई तक बाकी सैनिक भी लौट जाएंगे
मुइज्जू ने संसद में कहा, 'अन्य देशों के साथ कूटनीतिक बातचीत की जा रही है. हमने भारत से मालदीव में तैनात अपने सैनिकों को वापस बुलाने का आधिकारिक अनुरोध किया है. इस मुद्दे पर बातचीत की जा रही है.' उन्होंने कहा, 'हालिया बातचीत के अनुसार, तीन विमानन प्लेटफॉर्म में से एक पर तैनात सैन्य कर्मियों को 10 मार्च 2024 से पहले वापस बुलाया जाएगा. बाकी के दो प्लेटफॉर्म पर तैनात सैन्य कर्मियों को भी 10 मई 2024 तक वापस बुलाया जाएगा.'
मानवीय सहायता के लिए तैनात हैं विमान
नए चरण की द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत ने दो फरवरी को कहा था कि द्वीप देश में भारतीय सैन्य प्लेटफॉर्म का संचालन जारी रखने के लिए एक परस्पर स्वीकार्य समाधान पर मालदीव के साथ सहमति बनी है. अभी भारतीय सैन्यकर्मी मुख्य रूप से दो हेलीकॉप्टर और एक विमान का संचालन करने के लिए मालदीव में हैं.
इनके जरिये सैकड़ों चिकित्सीय बचाव और मानवीय सहायता मिशन को पूरा किया गया है. भारतीय प्लेटफॉर्म पिछले कुछ वर्षों से मालदीव के लोगों को मानवीय और चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराते रहे हैं.
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