नई दिल्ली: इमरान पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो गई है.इसी के पाकिस्तान की राजनीति में तख्तापलट के लक्षण भी दिखने लगे हैं. मुश्किल तो 2018 के चुनाव में फर्जीवाड़ा कर इमरान को सत्ता की कुर्सी पर बिठाने वाले पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा की भी बढ़ गई है, क्योंकि ये पहला मौका है जब विपक्ष ने एकजुट होकर सीधे बाजवा पर उंगली उठाई है.
शनि की साढ़ेसाती के लपेटे में इमरान!
इमरान.की कुर्सी पिछले साल ही बड़ी मुश्किल से जाते-जाते बची थी. मौलाना फजलुर्रहमान ने महीने भर की घेराबंदी कर उनकी सरकार की चूलें हिला दी थीं. पाकिस्तान के कोने-कोने से उनका इस्तीफा मांगते हुए प्रदर्शनकारी इस्लामाबाद में आ डटे थे. वो तो गनीमत समझिये आखिरी वक्त पर जनरल बाजवा ने जान बख्श दी और मौलाना को अपना घेरा इस्लामाबाद से हटाना पड़ा था. लेकिन इस बार क्या करेंगे मियां 'तालिबान' खान. लंदन में बैठे नवाज शरीफ ने हमला शुरू किया तो अब पाकिस्तान का सारा विपक्ष इमरान खान के खिलाफ एकजुट हो गया है और इस बार सीधे निशाने पर पाकिस्तानी सेना के मुखिया जनरल बाजवा भी हैं.
नवाज तो सीधे कह रहे हैं कि "वर्दी पहन कर राजनीति में हस्तक्षेप करना पाकिस्तान के आईन यानी संविधान के तहत देशद्रोह के बराबर है."
2018 चुनाव की धांधली पर मचा घमासान!
इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए 2018 के चुनाव में हुए फर्जीवाड़े पर बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी यानी पीपीपी ने भी पाकिस्तानी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिलाबल सीधी चेतावनी दे रहे हैं कि गिलगित बाल्टिस्तान के असेंबली चुनाव में पाकिस्तानी सेना ने किसी तरह का फर्जीवाड़ा किया, उसके खिलाफ सड़क पर विद्रोह होगा.
पाकिस्तान के इतिहास में ये पहला मौका है जब विपक्ष ने एकजुट होकर पाकिस्तान के रिंग मास्टर के खिलाफ हल्ला बोला है और खुलकर कह रहा है कि '' पाकिस्तान की सरकार बाजवा की कठपुतली है. पाकिस्तान के राजनीतिक मामलों में सेना सीधे दखल देती है."
बिलावल भुट्टो की पार्टी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने नवाज शरीफ के सुर में सुर मिलाते हुए 2018 की चुनावी धांधली पर जनरल बाजवा की सीधी घेराबंदी कर दी और कहा कि "इस तरह की चीजें यहां तक कि जनरल जिया और जनरल मुशर्रफ की तानाशाही के दौरान भी नहीं देखी गई. मुझे आश्चर्य हो रहा है कि कैसे मतदान केंद्र के भीतर एक सैनिक और बाहर दूसरा तैनात कर सकते हैं। वह बहुत अजीब था। चाहे आपने कुछ गलत किया हो या नहीं, आप पर आरोप लगेंगे और यह नहीं होना चाहिए."
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पाकिस्तान का 'रिंग मास्टर' भी हलकान!
पाकिस्तान में जिस तरह विपक्ष एकजुट हुआ है और तीखे तेवर दिखा रहा है...उससे जनरल बाजवा की बोलती भी बंद होती दिख रही है. इमरान को धांधली कर पाकिस्तान की कुर्सी पर बैठाने के आरोपों पर जनरल बाजवा को पहली बार मुंह खोलना पड़ा है. जनरल बाजवा ने सफाई देते हुए कहा है कि "2018 के चुनाव के दौरान पाकिस्तानी सेना ने सभी कार्रवाई संविधान और पाकिस्तान के हित को ध्यान में रखकर की गई.''
नवाज की घेराबंदी से बचेगी इमरान की कुर्सी ?
विपक्ष के आरोपों पर जनरल बाजवा की इस सफाई को 2018 चनाव के दौरान किये पाप का कबूलनामे के तौर पर देखा जा रहा है. बाजवा जिस तरह बयान दे रहे हैं, उससे इमरान खान सकते में हैं और उन्हें अपनी कुर्सी पर मंडराता खतरा साफ दिख रहा है. विपक्ष की आवाज दबाने के लिये इमरान खान की परदे के पीछे से पैंतरेबाजी तेज कर दी है और नवाज पर देशद्रोह का आरोप लगाते हुए उसे भगोड़ा ठहराने का खेल शुरू कर दिया है.
इसी कड़ी में पाकिस्तान की एक अदालत ने नवाज शरीफ को 24 नवंबर तक पेश होने का आदेश दिया है. अगर वह देश नहीं लौटे तो उन्हें घोषित अपराधी करार दे दिया जाएगा. पाकिस्तान के अखबारों में बाकायदा इसके लिये इश्तेहार भी निकाले गए हैं.
मियां खां साब, वो कहावत सुनी है ना आपने...कि बकरे की मां कबतक खैर मनाएगी....और 2018 की चुनावी धांधली में तो बकरे के बाप की भी गर्दन फंस गई है.समझ रहे ना इशारा.बाजवा को तो बस आपकी कुर्सी हिलानी है.विपक्ष को शांत करने के लिये इतनी कुर्बानी ही काफी है. और आप पर तो शनि की नजरें भी टेढी है. अपनी खैर मनाइये. पाकिस्तान में तख्तापलट वाला नवंबर भी बस आने ही वाला है.
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