हिन्द महासागर के भीतर धीरे-धीरे टूट रही है टेक्टोनिक प्लेट

एक रिसर्च से पता चला है कि हिंद महासागर के नीचे टेक्टोनिक प्लेट धीरे धीरे टूटती जा रही है. इसके टूट जाने पर बड़ी उथल-पुथल मच सकती है और दुनिया के जल तथा थल भागों पर उसका कई तरह का प्रतिकूल प्रभाव दिखाई पड़ सकता है..  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 27, 2020, 10:33 AM IST
    • धीरे-धीरे समुद्र के भीतर टूट रही है टेक्टोनिक प्लेट
    • मानव जीवन पर प्रभाव लम्बे समय बाद दिखाई देगा
    • बहुत धीमी गति से टूट रही है प्लेट
    • धरती की संरचना पर पड़ेगा प्रभाव
हिन्द महासागर के भीतर धीरे-धीरे टूट रही है टेक्टोनिक प्लेट

नई दिल्ली.  यद्यपि समुद्र को अभी तक विज्ञान ने पांच प्रतिशत ही जाना है किन्तु जितना जाना है उतना ही विश्व के उपयोगी ज्ञान का बड़ा हिंसा है. अब एक रिसर्च के   हिंद महासागर के नीचे मौजूद विशाल टेक्टोनिक प्लेट टूटने जा रही है. एक शोध के अनुसार भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच की टेक्टोनिक प्लेट आने वाले समय में दो हिस्सों में टूटने वाली है. 

 

प्रभाव लम्बे समय बाद दिखाई देगा 

हिन्द महासागर पर शोध कर रहे इन शोधार्थियों ने बताया कि समुद्र के इस हिस्से में समुद्र के भीतर है यह टेक्टोनिक प्लेट जिसे भारत-ऑस्ट्रेलिया-कैपरीकॉर्न टेक्टोनिक प्लेट के रूप में भी जाना जाता है. यह प्लेट धीरे धीरे टूटती जा रही है. इसके टूट जाने के बाद थल में रहने वाले इंसानों पर प्रभाव लंबे समय के बाद दिखाई देगा.  

बहुत धीमी गति से टूट रही है प्लेट 

इस शोध रिपोर्ट में बताया गया है कि हिन्द महासागर के भीतर इस टेक्टोनिक प्लेट के टूटने की गति बहुत धीमी है. इसके टूटने की रफ्तार 0.06 यानी 1.7 मिली मीटर्स प्रतिवर्ष है. टूटने की इस गति को ध्यान में रखें तो इस प्लेट के दोनों हिस्से अगले 10 लाख सालों में एक मील तक एक दूसरे से दूर चले जाएंगे. 

धरती की संरचना पर पड़ेगा प्रभाव 

इस महत्वपूर्ण सामुद्रिक शोध में योगदान देने वाले सहायक शोधकर्ता ऑरेली कॉड्यूरियर ने बताया कि यह प्लेट बहुत धीमी गति से अलग हो रही है इसकारण शुरुआत में इसका पता भी नहीं चलेगा. फिर भी यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है जिसके कारण धरती की संरचना में बहुत बड़े बदलाव देखे जाएंगे.

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