कीव: यूक्रेन ने 1 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र की अनाज पहल लागू होने के बाद से अनाज जहाजों का अपना सबसे बड़ा काफिला रवाना किया. कुल 13 जहाजों पर रविवार को ओडेसा, कोनोर्मोस्र्क और पिवडेन्नी के बंदरगाहों से 282,500 टन कृषि उत्पाद आठ देशों में भेजे गए. यह जानकारी यूक्रेनी अवसंरचना मंत्रालय ने दी है.
कहां से हुई रवानगी
रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में मंत्रालय ने कहा कि छह जहाज पिवडेन्नी से, पांच चोरनोमोस्र्क से और दो ओडेसा से रवाना हुए.
बड़ा है यूक्रेन का लक्ष्य
यूक्रेन ने इस महीने लगभग आठ मिलियन टन खाद्य पदार्थो को विदेशों में बेचने का लक्ष्य रखा है, जिसमें तीस लाख टन की आपूर्ति समुद्री मार्गो से की जाएगी. फरवरी में रूस ने कीव पर अपना आक्रमण शुरू करने के बाद यूक्रेन के प्रमुख काला सागर बंदरगाहों पर ध्यान केंद्रित किया, जो महीनों तक अवरुद्ध रहे और परिणामस्वरूप लाखों टन अनाज देश छोड़ने में असमर्थ रहे.
22 जुलाई को हुआ था समझौता
22 जुलाई को यूक्रेन और रूस ने संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता के तहत तुर्की के साथ तीन काला सागर बंदरगाहों से यूक्रेन से निर्यात की अनुमति देने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिससे वैश्विक खाद्य बाजारों पर दबाव कम हुआ. इस्तांबुल समन्वय केंद्र ने सप्ताहांत में कहा कि काला सागर मार्ग से अब तक 10 लाख टन अनाज और अन्य खाद्य पदार्थो का निर्यात किया जा चुका है. कुल 103 जहाजों को 19 देशों के लिए रवाना किया था. 1 अगस्त को अनाज ले जाने वाला पहला मालवाहक जहाज ओडेसा से त्रिपोली बंदरगाह के लिए रवाना हुआ.
अमेरिका ने बढ़ाया था दबाव
आपको बता दें कि मई 2022 के आखिरी हफ्ते में रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते दुनिया में खड़े हुए अनाज संकट से बचने के लिए अमेरिका ने नई रणनीति बनाई थी. अमेरिका यूक्रेन को लंबी दूरी की एंटी शिप मिसाइलें भेजने की योजना पर काम कर रहा था. ताकि इन मिसाइलों की मदद से यूक्रेन रूस की घेराबंदी तोड़े और आसन्न खाद्य संकट दूर हो सके.
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