Muzaffarnagar Mosque News: भारी फजीहत के बाद मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन ने मस्जिद में नो एंट्री का फैसला लिया वापस, जानें पूरा मामला
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Muzaffarnagar Mosque News: भारी फजीहत के बाद मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन ने मस्जिद में नो एंट्री का फैसला लिया वापस, जानें पूरा मामला

Muzaffarnagar Jail Incident: मुजफ्फरनगर जेल परिसर में अंग्रेजों के जमाने (1838) से ही मंदिर और मस्जिद साथ-साथ मौजूद हैं. पिछले 100-150 सालों से जेल परिसर और उसके आसपास रहने वाले हिंदू और मुसलमान अपने-अपने मजहब के मुताबिक, यहां इबादत करते आ रहे हैं, लेकिन 11 अगस्त से आसपास रहने वाले मुसलमानों को जेल परिसर में मौजूद मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया गया था. 

Muzaffarnagar Mosque News: भारी फजीहत के बाद मुजफ्फरनगर जेल प्रशासन ने मस्जिद में नो एंट्री का फैसला लिया वापस, जानें पूरा मामला

Muzaffarnagar Jail Incident: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जेल में स्थित मस्जिद में नमाज अदा करने से जेल प्रशासन ने मुसलमानों को रोक दिया था. अब भारी हंगामे के बाद जेल प्रशासन ने अपना फैसला वापस ले लिया है. जिसके बाद लोग इस मस्जिद में नमाज अदा कर सकेंगे. इस मस्जिद में सौ साल से आस-पास के इलाके के लोग नमाज अदा करते थे. इस मामले को लेकर प्रशासन की जमकर फजीहत हुई थी. जिसके बाद जेल प्रशासन ने सफाई देते हुए कहा था, जेल कैंपस संवेदनशील इलाका है. सुरक्षा के लिहाज से बाहरी लोगों के लिए यह व्यवस्था की गई है.

क्या है पूरा मामला
मुजफ्फरनगर जेल परिसर में अंग्रेजों के जमाने (1838) से ही मंदिर और मस्जिद साथ-साथ मौजूद हैं. पिछले 100-150 सालों से जेल परिसर और उसके आसपास रहने वाले हिंदू और मुसलमान अपने-अपने मजहब के मुताबिक, यहां इबादत करते आ रहे हैं, लेकिन 11 अगस्त से आसपास रहने वाले मुसलमानों को जेल परिसर में मौजूद मस्जिद में नमाज पढ़ने से रोक दिया गया था. जेल के बाहरी गेट पर मौजूद पुलिस चौकी से नमाजियों को वापस लौटाया जा रहा है, जेल प्रशासन इस व्यवस्था के पीछे सुरक्षा का हवाला दे रहा है.

मकामी लोगों ने जेल प्रशासन पर लगाए गंभीर इल्जाम
जेल प्रशासन के जरिए उठाए गए इस कदम को लेकर स्थानीय लोगों ने जेलर पर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. आसपास रहने वाले मुसलमानों का कहना है कि जेलर ने उनके साथ बदसलूकी की और उन्हें सलाखों के पीछे भेजने की धमकी दी. जब वे नमाज के लिए मस्जिद जा रहे थे तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया. पुलिस ने लोगों से कहा कि जेलर ने नमाज के लिए किसी को भी भीरत आने से रोकने का आदेश दिया है.

कैसे शुरु हुआ विवाद
यह पूरा विवाद 11 अगस्त की रात को तब शुरू हुआ जब मकामी दिव्यांग मोहम्मद फबी खान जेल कैंपस में मौजूद इस मस्जिद से नमाज अदा करके लौट रहे थे. तभी उन्हें सुरक्षाकर्मियों ने रोक लिया और कथित तौर पर जेल कैंपस में मौजूद मस्जिद में दोबारा नमाज अदा करने न आने की हिदायत दी. मोहम्मद फबी खान का आरोप है कि जब उन्होंने इसका विरोध किया तो सुरक्षाकर्मियों ने उनके साथ बदसलूकी की. इसी बीच जेलर भी वहां पहुंचे और उन्होंने भी साफ तौर पर हिदायत दी कि वह नमाज के लिए जेल परिसर में बनी मस्जिद में न आएं. 

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