नई दिल्ली : 2जी लाइसेंसों के निरस्त होने के मद्देनजर भारतीय दूरसंचार उद्योग में रोजगार में जबर्दस्त कमी आने की आशंका है। 2जी लाइसेंस निरस्त किए जाने से प्रभावित कंपनियों ने कर्मियों की छंटनी शुरू कर दी है।
मानव संसाधन क्षेत्र की टीमलीज सर्विसेज की महाप्रबंधक (सेवाएं) मधुबाला वैद्यनाथन ने कहा, जिन कंपनियों के 2जी लाइसेंस रद्द किए गए उनमें से ज्यादातर अपने कर्मचारियों की संख्या घटा रही हैं। यह सभी स्तरों पर हो रहा है और केवल प्रमुख रणनीतिक पदों पर लोगों को बनाए रखा जा रहा है। उच्चतम न्यायालय ने फरवरी में 2जी स्पेक्ट्रम के लिए 122 लाइसेंस रद्द कर दिए थे जिससे तेजी से बढ़ रहे दूरसंचार क्षेत्र में अनिश्चितता पैदा हो गई है।
वैद्यनाथन ने कहा, दूरसंचार उद्योग ने हजारों की संख्या में नौकरियां उपलब्ध कराई हैं, इसलिए इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में छंटनी किए जाने की आशंका है। एक अन्य एचआर फर्म ग्लोबलहंट के निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र के लिए स्थानीय बाजार परिदृश्य को देखने पर पता चलता है कि इस क्षेत्र में लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ सकता है।
गोयल ने कहा कि हालांकि, आतिथ्य, एफएमसीजी, वित्तीय सेवा और बैंकिंग क्षेत्र, दूरसंचार क्षेत्र में बिक्री और मार्केटिंग व ग्राहक सेवा क्षेत्रों में सरप्लस मानव संसाधनों को खपा सकता है।
एक अन्य कार्यकारी खोज कंपनी स्पीयरहेड इंटरसर्च के प्रबंध निदेशक ज्योर्दन मिश्र का कहना है कि जिन कंपनियों ने परिचालन बढ़ने की उम्मीद में बड़ी संख्या में कार्यकारियों की नियुक्ति की थी, उनके समक्ष अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।
उन्होंने कहा, मौजूदा कंपनियां लागत में कमी के उपाय अपना रही हैं। (एजेंसी)