नई दिल्ली : सनसनीखेज ड्रग विवाद में फंसने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि दुस्वप्न समाप्त हो गया है और उन्होंने फिर से सामान्य जिंदगी जीना शुरू कर दी है।
विजेंदर ने कहा कि यह उनके लिये संकट से अधिक कड़ा सबक था जिसने उन्हें अधिक मजबूत और चालाक बनाया। दो महीने पहले इस विवाद के शुरू होने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए ओलंपिक कांस्य पदक विजेता विजेंदर ने एक साक्षात्कार में बताया कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी से क्लीनचिट मिलने से पहले वह किस दौर से गुजरे।
इस 27 वर्षीय मुक्केबाज ने कहा, ‘मेरे लिये दुस्वप्न आखिरकार समाप्त हो गया और मैंने फिर से अपनी सामान्य जिंदगी जीना शुरू कर दी है। मैंने ट्रेनिंग शुरू कर दी है और मेरी निगाहें अक्तूबर में होने वाली विश्व चैंपियनशिप पर हैं।’
उन्होंने कहा, ‘मैं हरियाणा सरकार, खेल मंत्रालय, भारतीय ओलंपिक संघ और भारतीय मुक्केबाजी महासंघ का आभारी हूं जिन्होंने मेरे साथ दिया। इससे मुझे काफी आत्मविश्वास मिला। अब मैंने शिविर में ट्रेनिंग शुरू कर दी है और इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता।’
विजेंदर का नाम दो महीने पहले पंजाब में जब्त की गयी लगभग 130 करोड़ रूपये मूल्य हेरोइन के मामले में घसीटा गया था। हेरोइन अनिवासी भारतीय अनूप सिंह कहलौं के जिकारपुर स्थित घर से पकड़ी गयी थी। घर के आगे विजेंदर की पत्नी अर्चना की कारण खड़ी थी। बाद में पंजाब पुलिस ने कहा कि विजेंदर ने खुद के सेवन के लिये 12 बार कहलौं से हेरोइन खरीदी थी।
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि ईश्वर जो कुछ भी करता है भले के लिये करता है। मैं हमेशा जिंदगी को इसी तरह से जीता हूं। यहां तक इस घटना में भी ईश्वर ने मेरे लिये कुछ अच्छा ही सोचा होगा।’
विजेंदर ने कहा, ‘प्रत्येक घटना चाहे वह अच्छी हो या बुरी आपको कुछ सिखाती है। मैंने भी कुछ चीजें सीखी। मुझे पता चला कि कौन मेरा सच्चा मित्र है और कौन नहीं। मैंने यह अंतर समझ लिया क्योंकि सभी अच्छे मित्रों ने मेरा हर पल समर्थन किया।’
उन्होंने कहा, ‘एक अन्य सबक मुझे यह मिला कि पहले मैं किसी के साथ भी दोस्ताना रवैया अपना लेता था लेकिन अब ऐसा नहीं करूंगा। मैं अब किसी के पास अपनी कार की चाबियां या मोबाइल फोन नहीं छोड़ूंगा।’
विजेंदर ने कहा, ‘जब सारी बातें सामने आयी तो मुंबई में था। अचानक मुझे पता चला कि मेरी कार कहीं पायी गयी है। लोग मेरा नाम ले रहे थे और सवाल पूछे जाने लगे कि क्या मैं ड्रग लेता हूं। इससे काफी दुख पहुंचा।’
विजेंदर से पूछा गया कि क्या कभी उन्हें लगा कि उनकी ईमानदारी पर सवाल उठाये जा रहे तो क्या उनकी उपलब्धियां पूरी तरह भुला दी जाएंगी तो वह हंसने लगे। उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि टीवी चैनलों को मैं अच्छा लगता हूं इसलिए वे इतने लंबे समय तक मुझे दिखाते रहे। यह चलता है। यदि आप मशहूर हो तो उसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा प्रत्येक चीज में अच्छा देखने की कोशिश की और इससे मुझे मजबूती मिली। यहां तक जब मैं लंदन ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में हारा तो मैंने खुद से कहा, मुझे अपना दिल नहीं तोड़ना चाहिए, ईश्वर ने मेरे बारे में कुछ सोचा होगा। असल में जिंदगी इसी तरह से चलती है। आपको हर चुनौती का सामना करना पड़ता है।’
विजेंदर दो टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाये और अगले महीने एशियाई चैंपियनशिप में भी नहीं खेल पाएंगे क्योंकि उन्होंने राष्ट्रीय ट्रायल में हिस्सा नहीं लिया। विजेंदर का यदि चयन होता है तो वह अक्तूबर में विश्व चैंपियनशिप में भाग लेंगे। (एजेंसी)
विजेंदर सिंह
ड्रग विवाद के बाद सामने आए विजेंदर, कहा-बुरा सपना खत्म
सनसनीखेज ड्रग विवाद में फंसने के बाद पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने कहा कि दुस्वप्न समाप्त हो गया है और उन्होंने फिर से सामान्य जिंदगी जीना शुरू कर दी है।
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