आम बजट : कुछ रोचक तथ्य

वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए आम बजट 28 फरवरी को पेश होने जा रहा है। आम बजट पेश करने की एक लंबी परंपरा है और इस परंपरा में कुछ रोचक तथ्य भी हैं, जिनसे हम सभी को रू-ब-रू होना चाहिए-

आलोक कुमार राव
वित्तीय वर्ष 2013-14 के लिए आम बजट 28 फरवरी को पेश होने जा रहा है। आम बजट पेश करने की एक लंबी परंपरा है और इस परंपरा में कुछ रोचक तथ्य भी हैं, जिनसे हम सभी को रू-ब-रू होना चाहिए-
-राष्ट्रपति द्वारा तय तिथि को आम बजट संसद में पेश किया जाता है। वित्त मंत्री का बजट भाषण दो हिस्सों में होता है। पहले भाग में वित्त मंत्री का भाषण आर्थिक सर्वेक्षण से संबंधित होता है जबकि भाषण के दूसरे भाग में कर प्रस्ताव शामिल होते हैं।
-बजट के दस्तावेजों की छपाई करने वाले कर्मचारियों को आम बजट पेश होने के एक सप्ताह पहले से वित्त मंत्रालय में ही पूरी तरह से गोपनीय तरीके से रखा जाता है।
-वित्त मंत्री सामान्य रूप से फरवरी के अंतिम कार्यदिवस पर संसद में आम बजट पेश करते हैं।
बजट सरकार के वित्त का सबसे बड़ा खाता है जिसमें सभी स्रोतों से प्राप्त राजस्व और सरकारी खर्चों को एक साथ प्रस्तुत किया जाता है। इसमें राजस्व बजट एवं पूंजी बजट और अगले वित्तीय वर्ष का बजट अनुमान भी शामिल होता है।
-आम बजट को पेश करने में वित्त मंत्रालय, योजना आयोग, प्रशासनिक मंत्रालय और नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) मुख्य भूमिका निभाते हैं।
-भारत में पहली बार बजट सात अप्रैल 1860 को पहले वित्त सदस्य जेम्स विल्सन ने पेश किया।
-सर बासिल ब्लैकेट ने 1924 में बजट भाषण शाम पांच बजे पेश करने की परंपरा शुरू की। ऐसा पूरी रात जागकर वित्तीय भाषण तैयार करने वाले अधिकारियों को थोड़ी राहत देने के लिए किया गया।
-स्वतंत्र भारत का पहला बजट देश के पहले वित्त मंत्री आर.के. शनमुखम चेत्ती ने 26 नवंबर 1947 को शाम पांच बजे पेश किया।
-स्वंत्रत भारत का पहला बजट केवल साढ़े सात महीनों (15 अगस्त 1947 से लेकर 31 मार्च 1948 तक) का था। गणतंत्र भारत का पहला बजट जॉन मथाई ने 28 फरवरी 1950 को पेश किया।
-वित्तीय वर्ष 1950-51 के लिए बजट पेश करते समय योजना आयोग अस्तित्व में आया। भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर सी.डी. देशमुख थे। देशमुख वित्त मंत्री भी थे जिन्होंने वित्तीय वर्ष 1951-52 के लिए बजट पेश किया।
-वित्तीय वर्ष 1955-56 से बजट के दस्तावेज हिंदी में भी तैयार किए जाने लगे।
-पंडित जवाहर लाल नेहरू वर्ष 1958-59 का बजट पेश करने वाले पहले प्रधानमंत्री थे। उनके पास वित्त मंत्रालय का प्रभार भी था। मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक बार बजट पेश किया है।
-वित्त मंत्री के रूप में टीटी कृष्णमचारी ने 1964-65 के बजट में गोपनीय आय का खुलासा स्वैच्छा से करने की पहल की।
-1973-74 के बजट को ‘ब्लैक बजट’ के नाम से जाना जाता है। इस वित्तीय वर्ष में बजट घाटा 550 करोड़ रुपए था।
-मोरारजी देसाई एक मात्र वित्त मंत्री थे जिन्होंने अपने जन्मदिन पर 29 फरवरी 1964 और 1968 को बजट पेश किया।
-इंदिरा गांधी अब तक की अकेली वित्त मंत्री रही हैं। उनके पास 1970-71 के समय वित्त मंत्रालय का प्रभार था। जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा और राजीव गांधी ने प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया है। राजीव गांधी ने 1987 के बजट में पहली बार कॉरपोरेट टैक्स की शुरुआत की।
-वित्तीय वर्ष 1991-92 के समय यह पहल मौका था जब अंतरिम एवं अंतिम बजट दो अलग-अलग पार्टियों के दो मंत्रियों ने पेश किया। यशवंत सिन्हा ने अंतरिम बजट और अंतिम बजट मनमोहन सिंह ने पेश किया। मनमोहन सिंह ने 1994 के बजट में सर्विस टैक्स की शुरुआत की।
-वर्ष 2000 तक आम बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश होता आया था। यशवंत सिन्हा ने 2001 से बजट पेश करने का समय दिन के 11 बजे तय किया।
-प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2000 में सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत की। इसका उद्देश्य छह से 14 साल के बच्चों को अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कराना है।
-राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, जेंडर बजट एवं नरेगा योजनाओं की शुरुआत वर्ष 2005-06 के बजट में हुई।
-वित्तीय वर्ष 2012-13 का बजट प्रणब मुखर्जी ने पेश किया। इसके साथ ही मुखर्जी यशवंत सिन्हा, वाई बी चव्हाण और सीडी देशमुख की कतार में शामिल हो गए जिन्होंने सात पूर्ण बजट पेश किया।

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.