बुलंदियों के `शिखर` पर धवन

क्रिकेट के इस अचूक और बेहतरीन फंडे के बाद हम उस फंडू बल्लेबाज की तरफ चल रहे हैं जो इस वक्त क्रिकेट की दुनिया में सुर्खियों में छाया हुआ है। दुनिया इस खिलाड़ी को शिखर धवन के नाम से जानती है।

संजीव कुमार दुबे
क्रिकेट में बल्लेबाजी के लिए एक बड़ा ही सीधा फंडा होता है जिसे दुनियाभर के क्रिकेटर फॉलो करने की कोशिश करते हैं। पहला फंडा यह कि एक बल्लेबाज के लिए गेंद को माइक्रो मिली सेकेंड में पढ़ने की क्षमता होनी चाहिए जिसके बाद बल्ले से गेंद को किस प्रकार प्रहार करनी है, किस दिशा में खेलनी है, यह तय किया जा सके। दूसरा फंडा ज्यादा मुश्किल होता है जो गेंदबाज के गेंद करने से पहले यह भांपने की कोशिश की जाती है कि वह किस प्रकार की गेंद फेंकेगा ताकि वह उस हिसाब से अपनी रणनीति तैयार कर सके।
क्रिकेट के इस अचूक और बेहतरीन फंडे के बाद हम उस फंडू बल्लेबाज की तरफ चल रहे हैं जो इस वक्त क्रिकेट की दुनिया में सुर्खियों में छाया हुआ है। दुनिया इस खिलाड़ी को शिखर धवन के नाम से जानती है। जब यह भारतीय बल्लेबाज चैंपियंस ट्रॉफी के इंग्लैंड और भारत के फाइनल मैच के दौरान बल्लेबाजी कर रहा था और यह मैच लंदन के एस्बैस्टन में खेला जा रहा था। इस बल्लेबाज ने हवा में उछल कर अपर कट करते हुए थर्ड मैन में एक छक्का लगाया जिसके बाद इस बल्लेबाज की बैटिंग का लुत्फ उठा रहे उसके फैंस ने एक पोस्टर लहराया ...प्लीज कीप मम...वाच ओनली शिखर धवन (कृप्या शांत रहिए और सिर्फ शिखर धवन की बैटिंग देखिएं)।
शिखर धवन की बैटिंग के दौरान उनका चेहरा उस गंभीरता की जबान को बयां करता है जिसमें बल्लेबाजी धीरज के साथ की जाती है। इस तरह के बल्लेबाज गेंदबाज की गेंद के साथ उसके मनोभावों को पढ़ते हैं और फिर आक्रामक प्रहार से उसका लाइन एंड लेंथ बिगाड़ देते है। शिखर के साथ सबसे खास बात है कि वह बल्लेबाजी के उन उसूलों को अपनाते है जो एक बल्लेबाज के लिए पिच पर टिकने के लिए जरूरी होता है।
सचिन और सहवाग के टीम में नहीं होने से ओपनिंग पार्टनर की चिंता टीम इंडिया को सताने लगी थी। शिखर धवन पर दांव लगाया गया जो सफल रहा। धोनी उनके साथ रोहित शर्मा को लेकर आए। दोनों ने चैंपियंस ट्रॉफी में लगभग हर मैच में शानदार ओपनिंग की बुनियाद रखी नतीजा टीम इंडिया की झोली में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब।
कुछ ही दिन पहले हुए धवन चैंपियंस ट्रॉफी में 300 रन बनाने वाले एकमात्र बल्लेबाज़ हैं। धवन ने 5 मैचों में 90.75 की औसत से 363 रन बनाए हैं और वे मैन ऑफ द सीरीज़ बने। धवन ने चैंपियंस ट्रॉफी के पहले चारों मैचों में सबसे अधिक व्यक्तिगत स्कोर बनाया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इसी साल मार्च में अपने टेस्ट करियर की यादगार शुरुआत करने वाले धवन ने सभी को अपनी बल्लेबाज़ी का मुरीद बना लिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में अपने पहले ही टेस्ट में उन्होंने 187 रन बनाकर अपने टेस्ट करियर का आगाज किया।
अपने करियर के पहले ही टेस्ट में ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीम के सामने सिर्फ 174 गेंदों में 187 रन बनाना महज इत्तेफाक नहीं होता। धवन के इस प्रदर्शन के बाद उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम में चुना गया और यहां उन्होंने पहले दो मैचों में शतक बनाकर टीम को जिताने के साथ यह जता दिया कि वह लंबी रेस को घोड़े है। क्रिकेट के जानकार भी अब कहने लगे कि शिखर धवन के रूप में भारत को एक शानदार ओपनर मिल गया है।
विकेट की अधिक इज्जत करता और उसे आसानी से उसे गंवाना शिखर बेहतर जानते हैं। एक ओपनर बल्लेबाज से यह उम्मीद की जाती है कि वह अच्छी शुरुआत को बड़ी पारियों में तब्दील करे। शिखर ने यह कारनामा विदेशी जमीन पर कर अपना लोहा मनवा लिया है। शांतचित्त रवैया, आत्मविश्वास, कूल टेंपरामेंट के साथ उनका स्ट्रोक प्लेयर होना उन्हें बेहतरीन खिलाड़ियों और मंझे हुए बल्लेबाज की श्रेणी में ला खड़ा करता है।
शिखर यकीनन बल्लेबाजी के उस शिखर पर हैं जहां से उन्हें और आगे जाना है। चयनकर्ता और धोनी का उन्हें भरपूर समर्थन मिला है और शिखर ने अपनी काबिलियत भी साबित कर दी है। भारतीय क्रिकेट के लिए यह अच्छी बात है कि कुछ चुनिंदा दिग्गज खिलाड़ियों के चोटिल होने या फिर उनके आउट ऑफ फॉर्म में होने से अब कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। धवन की बल्लेबाजी और उनका मौजूदा फॉर्म अगर बरकरार रहे तो टीम इंडिया कई ट्रॉफी को जीत पाने में कामयाब रहेगी इसमें कोई संशय नहीं है। वेस्टइंडीज में ट्राई एंगुलर सीरीज में अब शिखर के प्रदर्शन पर नजरें जा टिकी है और हर क्रिकेट फैंस को यही उम्मीद है कि शिखर अपने प्रदर्शन से सबको खुश कर देंगे।

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