आईएसी में आपसी घमासान तेज, केजरीवाल पर बरसी कांग्रेस

अपने प्रमुख सदस्यों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने शुक्रवार को तीन सेवानिवृत न्यायाधीशों की सदस्यता वाले एक ‘आंतरिक लोकपाल’ के गठन का ऐलान किया। केजरीवाल की ओर से आंतरिक जांच की घोषणा के बाद आईएसी में आपसी घमासान तेज हो गया है।

ज़ी न्‍यूज ब्‍यूरो/एजेंसी
नई दिल्ली : अपने प्रमुख सदस्यों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इंडिया अगेंस्ट करप्शन (आईएसी) ने शुक्रवार को तीन सेवानिवृत न्यायाधीशों की सदस्यता वाले एक ‘आंतरिक लोकपाल’ के गठन का ऐलान किया। केजरीवाल की ओर से आंतरिक जांच की घोषणा के बाद आईएसी में आपसी घमासान तेज हो गया है। पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह ने कहा कि जांच करवाने का यह तरीका ठीक नहीं है। वहीं, कांग्रेस ने आईएसी को आरोपों का कारखाना करार दिया है और केजरीवाल पर जमकर प्रहार किया।
आईएसी का लोकपाल जानेमाने वकील प्रशांत भूषण, मुंबई में आईएसी के प्रतिनिधि मयंक गांधी और अंजलि दमानिया के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करेगा। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एपी शाह, बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीएच मर्लापल्ले और दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति जसपाल सिंह केजरीवाल की अगुवाई वाली भावी राजनीतिक पार्टी के आंतरिक लोकपाल के सदस्य होंगे।
जांच की घोषणा करते हुए केजरीवाल ने कहा कि यदि आरोपों को सही पाया गया तो उन्हें पार्टी छोड़नी होगी। उन्होंने कहा कि यदि किसी सदस्य को अवैध या अनैतिक गतिविधि का दोषी पाया जाता है तो उससे अपेक्षा रहेगी कि वह प्रस्तावित पार्टी से इस्तीफा दे।
उधर, सरकार ने आईएसी के तीन कार्यकर्ताओं के खिलाफ इंटरनल जांच करवाने के केजरीवाल के प्रस्‍ताव को वस्‍तुत: खारिज कर दिया। पीएमओ में राज्‍य मंत्री वी. नारायणसामी ने केजरीवाल के जांच करवाने की बात को खारिज करते हुए कहा कि आईएसी देश की जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रही है। कोई कैसे अपने ही सदस्‍यों के खिलाफ अंदरुनी जांच के आदेश दे सकता है। केजरीवाल की घोषणा के बाद नारायाणसामी ने सवालिया लहजे में पूछा कि आखिर वह क्‍या साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। इन सबसे ऐसे लोगों का पागलपन ही झलकता है।
वहीं, कांग्रेस प्रवक्‍ता मनीष तिवारी ने एक संवाददाता सम्मेल में कहा कि आईएसी एवं भाजपा की मिलीभगत है। पहले गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी आरोप लगाते हैं और उसे आईएसी द्वारा प्रचारित किया जाता है। जबकि उन आरोपों का जवाब पहले दे दिया गया होता है। उन्होंने कहा कि आईएसी भाजपा की बी टीम है। तिवारी ने आईएएसी को एक बार फिर आरोपों का कारखाना कहा। वहीं, कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने अरविंद केजरीवाल पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि केजरीवाल अपने हितों की पूर्ति करने वाले महत्वाकांक्षी, अहंकारोन्मादी व्यक्ति हैं जिसमें हिटलर के समान प्रवृति है।
इससे पहले, भूषण, दमानिया और गांधी ने आईएसी की ओर से उठाए गए इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि वे किसी भी जांच के लिए तैयार हैं और उनके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच से सारी चीजें साफ हो जाएंगी। केजरीवाल की घोषणा ऐसे समय में आई है जब ऐसे आरोप लगाए गए हैं कि प्रशांत भूषण ने हिमाचल प्रदेश में जमीन खरीदने में अनियमितता की, मयंक गांधी के रिश्ते बिल्डरों से हैं और महाराष्ट्र में अंजलि दमानिया की ओर से किए गए भूमि करारों पर भी सवाल उठाए गए।
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के पूर्व अधिकारी ने कहा कि हमने समय-समय पर सरकार से आग्रह किया कि वह मामले की जांच के लिए एक स्वतंत्र जांच दल गठित करे और दोषी पाए जाने पर हमें निर्धारित से दोगुनी सजा दें। लेकिन दुर्भाग्यवश, सरकार एक स्वतंत्र जांच कराने की बजाय कीचड़ उछालने में ज्यादा रुचि ले रही है।
केजरीवाल ने कहा कि लिहाजा हमने उच्च निष्ठा एवं स्वतंत्रता के लिए ख्यात तीन सेवानिवृत न्यायाधीशों की सदस्यता में एक स्वतंत्र लोकपाल का गठन किया है ताकि आईएसी के प्रमुख सदस्यों के खिलाफ लगे आरोपों की जांच की जा सके। लोकपाल प्रशांत भूषण, मयंक गांधी और अंजलि दमानिया के खिलाफ आरोपों की जांच करेगा। उन्होंने कहा कि वे उनके मामले सोमवार को तीनों सेवानिवृत न्यायाधीश के पास भेजेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि इन आरोपों की जांच तेजी से करें और तीन महीने के अंदर जितनी जल्दी हो सके अपनी रिपोर्ट दें।
केजरीवाल ने कहा कि लोकपाल से अनुरोध किया जाएगा कि वह आईएसी के सदस्यों के खिलाफ आरोपों और सामग्री एवं उनके बचाव की जांच गहराई से करे और इस बाबत अपनी रिपोर्ट दे कि क्या कोई आरोप आईएसी सदस्यों की ओर से किए गए किसी गैर-कानूनी या अनैतिक कार्य को दिखाता है। जब केजरीवाल से यह सवाल किया गया कि क्या दमानिया को आईएसी छोड़ देनी चाहिए, इस पर उन्होंने कहा कि दमानिया कोई पदधारक नहीं है और वह जांच को प्रभावित नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि क्या आपको लगता है कि कोई शख्स न्यायमूर्ति शाह जैसे व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है?
आरोपों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भूषण ने कहा कि सरकार ने उन्हें कुछ भी नहीं दिया है और उन्होंने एक शैक्षणिक संस्थान का निर्माण करने के लिए जमीन खरीदी जिसके लिए अधिकारियों ने अनुमति दी। उन्होंने कहा कि सरकार हमें बदनाम करने के लिए हर तरह के आरोप लगा रही है और चीजें तोड़-मरोड़कर पेश कर रही है। इसलिए हमने कहा था कि हम सरकार या किसी स्वतंत्र संस्था की किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। जब सरकार ने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया तो हमने कहा कि हम अपना खुद का लोकपाल बनाएंगे।
मुंबई में दमानिया और गांधी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि यदि जांच में हमें कसूरवार पाया जाता है तो हम संगठन छोड़ देंगे। दमानिया के खिलाफ लगे आरोपों की बाबत जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने दावा किया कि मैं कानूनी तौर पर एक किसान हूं और यह साबित करने के लिए मेरे पास दस्तावेज हैं। मैंने कोई ‘बेनामी’लेन-देन नहीं किया है।’गांधी ने कहा कि हमारे पास छुपाने को कुछ भी नहीं है। जांच से सारी चीजें साफ हो जाएंगी।
दूसरी ओर, अरविंद केजरीवाल ने पूर्व आईपीएस अधिकारी वाईपी सिंह की ओर से लगाए गए इन आरोपों को आज सिरे से खारिज कर दिया कि उन्होंने केंद्रीय मंत्री शरद पवार से जुड़ी जानकारियां छुपाईं। सिंह के आरोपों को खारिज करते हुए केजरीवाल ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख पवार के खिलाफ पहले भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और उन्हें फिर से दोहराने का कोई मतलब नहीं है। केजरीवाल ने कहा कि सिंह की ओर से यह आरोप लगाना सही नहीं है कि उन्होंने भाजपा अध्यक्ष नितिन गडकरी को निशाना बनाते वक्त पवार के खिलाफ सबूतों का खुलासा नहीं किया।

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