ज़ी न्यूज ब्यूरो
मुंबई: पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी गई। कसाब को फांसी की घटना की गोपनीयता ने ना सिर्फ देश बल्कि दुनिया को भी हैरत में डाल दिया है। कसाब को फांसी देने की पूरी कवायद को ऑपरेशन `एक्स` के तहत अंजाम दिया गया जिसमें गिने-चुने अधिकारी ही काम कर रहे थे।
भारत सरकार ऐसा नहीं चाहती थी कि देश और दुनिया की मीडिया में इस बाल को लेकर शोर-शराबा हो। कसाब को मिली सजा को पूरा करने के लिए स्पेशल टीम बनाई गई, जिसने तय कार्यक्रम के तहत ऐक्शन लिया। आमिर अजमल कसाब को फांसी पर लटकाने के इस गोपनीय प्लान नाम दिया गया- ऑपरेशन एक्स।
कसाब को फांसी के पूरे ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए 17 अधिकारियों की स्पेशल टीम बनाई गई थी, जिनमें से 15 ऑफिसर मुंबई पुलिस से ही थे। जिस वक्त ऑपरेशन-X को अंजाम दिया जा रहा था, उस दौरान 17 में से 15 अधिकारियों के फोन बंद थे।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय की निगरानी में चल रहे `ऑपरेशन-X` के तहत कसाब को 19 नवंबर को ही आर्थर रोड जेल से पुणे की यरवडा जेल शिफ्ट कर दिया गया था। कसाब को मुंबई से पुणे जेल में ट्रांसफर करने की जिम्मेदारी सौंपी गई आईजी देवन भारती को। जब बुधवार सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर कसाब को फंसी दे दी गई तब यह कहा जा रहा है कि आईजी ने मैसेज किया -ऑपरेशन X पूरी तरह सफल हुआ। इस तरह हुआ आपरेशन एक्स के तहत कसाब का द एंड।
आतंकी अजमल कसाब
ऑपरेशन एक्स के तहत हुआ कसाब का `द एंड`
पाकिस्तानी आतंकवादी आमिर अजमल कसाब को फांसी देने की प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी गई।
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