मुम्बई : मुम्बई के 26/11 हमले के एकमात्र जिंदा आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी पर चढ़ाये जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार अब आशा कर रही है कि उसकी सुरक्षा में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की तैनाती पर जो 21 करोड़ रूपए बिल आया है, उसे उसका भुगतान नहीं करना पड़ेगा। चार साल पहले जब से कसाब को आर्थर रोड जेल में रखा गया तब से आईटीबीपी की एक टुकड़ी उसकी सुरक्षा में लगी थी।
महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर आर पाटिल ने आज यहां कहा, ‘हमने केंद्र को लिखा है कि केवल राज्य सरकार पर वित्तीय बोझ नहीं डाला जाए लेकिन केंद्र ने हमारे अनुरोध पर जवाब नहीं दिया है। हम आशा करते हैं कि यह धनराशि माफ कर दी जाएगी।’
कसाब को फांसी पर चढ़ाने का चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने संबंधी एक सवाल के जवाब में पाटिल ने कहा कि फांसी पर चढ़ाने की तिथि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एस बी अग्रवाल के साथ विचार विमर्श कर दो माह पहले ही तय कर ली गयी थी। उन्होंने कहा, ‘यह कहना गलत है कि फांसी पर चढ़ाने का राजनीतिकरण किया जाएगा।’ (एजेंसी)
अजमल कसाब
कसाब की सुरक्षा का बिल माफ हो : महाराष्ट्र
अजमल कसाब को फांसी पर चढ़ाये जाने के बाद महाराष्ट्र सरकार अब आशा कर रही है कि उसकी सुरक्षा में भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की तैनाती पर जो 21 करोड़ रूपए बिल आया है, उसे उसका भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
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