नई दिल्ली : लॉरेंस स्कूल, सनावर के छह स्कूली लड़कों ने मंगलवार तड़के दुनिया की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपने कदम रखे। इस अभियान का नेतृत्व करने वाले हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट, दार्जीलिंग के पूर्व प्रधानाचार्य कर्नल (अवकाशप्राप्त) नीरज राणा ने बताया कि शिखर पर पहुंचने वाला पहला लड़का पृथ्वी चहल रहा, जो लॉरेंस स्कूल का डिप्टी हैड ब्वॉय है।
इसके बाद अजय सोहल, राघव जुनेजा (टीम में सबसे कम उम्र का), शुहम कौशिक, फतेह बरार और गुरिबादत ने अपने कदम एवरेस्ट पर रखे। राणा ने बताया कि टीम का सातवां सदस्य हकीकत ग्रेवाल ऑक्सीजन टैंक में समस्या के कारण अपनी चढ़ाई पूरी नहीं कर पाया। वह 23 मई को दूसरा प्रयास करेगा।
उन्होंने बताया कि जुनेजा को छोड़कर (जो 16 साल से कम उम्र का है), शेष लड़के 16 से 17 साल की उम्र के हैं। प्रधानाध्यापक प्रवीण वशिष्ठ ने दो अप्रैल को सनावर एवरेस्ट अभियान 2013 को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। (एजेंसी)
एवरेस्ट फतह
छह स्कूली लड़कों ने की एवरेस्ट फतह
लॉरेंस स्कूल, सनावर के छह स्कूली लड़कों ने मंगलवार तड़के दुनिया की सबसे उंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर अपने कदम रखे। इस अभियान का नेतृत्व करने वाले हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टिट्यूट, दार्जीलिंग के पूर्व प्रधानाचार्य कर्नल (अवकाशप्राप्त) नीरज राणा ने बताया कि शिखर पर पहुंचने वाला पहला लड़का पृथ्वी चहल रहा, जो लॉरेंस स्कूल का डिप्टी हैड ब्वॉय है।
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