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नई दिल्ली : नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर रहने वाली कांग्रेस ने आज उन्हें भाजपा की ओर प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने पर यह कहते हुए उदासीनता दिखायी कि किसी और पार्टी के घटनाक्रम से उसे कोई लेना-देना नहीं। हालांकि कांग्रेस नेतृत्व ने आगे की रणनीति पर चर्चा जरूर की।
कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी से जब यह सवाल किया गया कि गुजरात के मुख्यमंत्री को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने पर पार्टी क्या सोचती है, उन्होंने कहा, ‘हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’ यह टिप्पणी ऐसे समय में आयी जब इससे कुछ ही देर पहले पार्टी नेता और सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने एक ट्वीट कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर आरोप लगाया कि वह नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर अपना फैसला भाजपा पर थोप रहा है।
तिवारी ने ट्वीट किया कि नागपुर स्थित एक संगठन में बैठे गैर-जवाबदेह बुजुर्ग भाजपा के गले में फैसले ठूंस सकते हैं और इसे आंतरिक लोकतंत्र का नाम दिया जाता है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘शायद इससे ज्यादा अलोकतांत्रिक कुछ नहीं हो सकता।’ प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और अन्य वरिष्ठ नेताओं से लैस कांग्रेस कोर कमेटी की बैठक सोनिया के विदेश से इलाज कराकर लौटने के बाद पहली बार हुई। बैठक में आधे घंटे तक चर्चा हुई पर इस बाबत कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गयी कि बैठक में किन मुद्दों पर बात हुई।
बहरहाल, मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी की नयी रणनीति के संकेत उस वक्त स्पष्ट थे जब रेणुका चौधरी ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कांग्रेस को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्य विपक्षी पार्टी में कौन क्या बन रहा है और कांग्रेस अपनी नीतियों तथा कार्यक्रमों के आधार पर जनता के पास जाएगी।
चौधरी ने सवाल किया कि मोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने से कांग्रेस पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने पूछा, ‘यह किस तरह फर्क पैदा करेगा? यह हमारे लिए कैसे अहम है?’ यह पूछे जाने पर कि क्या इस फैसले के बाद अब कांग्रेस अपनी पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगी, इस पर प्रवक्ता ने कहा, ‘हमारे निर्देशों, हमारी नीतियों का इस बात से कोई लेना-देना नहीं है कि भाजपा में क्या हो रहा है।’ (एजेंसी)