मिड डे मील: निगरानी समिति देखेगी भोजन की गुणवत्ता

बिहार में मध्याह्न भोजन त्रासदी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक निगरानी समिति गठित करने का निर्णय किया है जो आपूर्ति किए गए भोजन की गुणवत्ता को देखेगी। केंद्र ने हालांकि यह भी कहा है कि उसने योजना को लागू करने में खामियां पाए जाने के बाद बिहार के 12 जिलों के लिए एलर्ट जारी किया था।

नई दिल्ली : बिहार में मध्याह्न भोजन त्रासदी के मद्देनजर केंद्र सरकार ने गुरुवार को एक निगरानी समिति गठित करने का निर्णय किया है जो आपूर्ति किए गए भोजन की गुणवत्ता को देखेगी। केंद्र ने हालांकि यह भी कहा है कि उसने योजना को लागू करने में खामियां पाए जाने के बाद बिहार के 12 जिलों के लिए एलर्ट जारी किया था।
उम्मीद की जाती है कि समिति मौजूदा मध्याह्न भोजन निगरानी समिति के प्रयासों को आगे बढ़ाने में मदद करेगी जो साल में दो बार बैठक करती है और राज्यों को किसी तरह की कमी के बारे में सचेत करती है।
यह पूछे जाने पर कि क्या इस वर्ष शुरू में कार्यक्रम को लागू करने में कमियां पाए जाने के बाद बिहार को समिति की ओर से चेतावनी दी गई थी, मानव संसाधन विकास मंत्री एमएम पल्लम राजू ने इसका जवाब सकारात्मक दिया। यहां एक समारोह से इतर राजू ने संवाददाताओं से कहा कि हां, ऐसा था। ऐसे 12 जिलों की पहचान की गई थी जिसमें सारण (प्रभावित जिला) शामिल था।
उन्होंने हालांकि कहा कि वह अभी इस विषय पर जोर नहीं देना चाहते और बच्चों की मौत के मामले में आरोप प्रत्यारोप की राजनीति नहीं करना चाहते हैं।
राजू ने कहा कि जो कुछ हुआ बहुत दुखद हुआ। हम सभी को 23 बच्चों की मौत से पीड़ा हुई और ध्यान इस बात पर होना चाहिए कि ऐसा दोबारा न हो। मंत्री ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस कार्यक्रम को और मजबूत किया जाए और बेहतर ढंग से लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए एक नई समिति के गठन का फैसला किया गया है जो भोजन की गुणवत्ता के सभी पहलुओं पर निगरानी रखेगी। मंत्री ने कहा कि बिहार में इस घटना के लिए जो भी दोषी होंगे उन्हें सजा दी जाएगी। (एजेंसी)

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