लाहौर के अस्पताल में सरबजीत से मिला परिवार, हालत बेहद गंभीर

वाघा बॉर्डर से होते हुए लाहौर पहुंचा सरबजीत सिंह का परिवार रविवार को उनसे अस्पताल में मिला। परिवार में सरबजीत की पत्नी, बहन और दो बेटियां शामिल हैं। जेल में कैदियों के जानलेवा हमले में घायल सरबजीत डीम कोमा में हैं और लाहौर के जिन्ना अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहे हैं।

ज़ी मीडिया ब्यूरो/एजेंसी
इस्लामाबाद/नई दिल्ली : वाघा बॉर्डर से होते हुए लाहौर पहुंचा सरबजीत सिंह का परिवार रविवार को उनसे अस्पताल में मिला। परिवार में सरबजीत की पत्नी, बहन और दो बेटियां शामिल हैं। जेल में कैदियों के जानलेवा हमले में घायल सरबजीत डीम कोमा में हैं और लाहौर के जिन्ना अस्पताल में मौत से संघर्ष कर रहे हैं। सरबजीत की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है।
लाहौर के जिन्ना अस्पताल में सरबजीत की बहन दलबीर कौर और पुत्रियों पूनम एवं स्वप्नदीप ने उन्हें देखा।
मौत से जूझ रहे सरबजीत से मिलने के लिए राजधानी दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायोग ने उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर, पुत्रियां पूनम एवं स्वप्नदीप कौर तथा बहन दलबीर कौर को वीजा प्रदान किया है। सरबजीत सिंह कोमा में हैं और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनकी हालत काफी गंभीर है।
सरबजीत को 1990 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हुए बम विस्फोटों में शामिल होने के कथित आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। विस्फोटों में 14 लोगों की मौत हो गई थी। सरबजीत की दया याचिकाओं को अदालतों और पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने खारिज कर दिया था। उनके परिवार का कहना है कि सरबजीत गलत पहचान के शिकार हैं और वह गलती से सीमा पार कर गए थे।
इसके पहले सरबजीत की बहन दलबीर कौर ने कहा कि दिल्ली में उच्चायोग ने परिवार के चार सदस्यों के लिए वीजा जारी किया है और वे सभी रविवार को अटारी सीमा पार कर पाकिस्तान जाएंगे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने उन्हें सूचित किया है कि पाकिस्तान सरकार ने परिवार के एक सदस्य को लाहौर अस्पताल में रहने की अनुमति दे दी है जहां सरबजीत का इलाज चल रहा है। सरबजीत की स्थिति नाजुक बनी हुई है और उनका इलाज चल रहा है।
दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सरबजीत पर जेल के भीतर हमले को ‘बहुत दुखद’ घटना करार दिया। सरबजीत पर हमले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, यह बहुत दुखद है। मेरा मानना है कि जेल में कुछ कैदियों ने उन पर हमला किया। मेरा मानना है कि यह बहुत दुखद है।
भाजपा ने सरबजीत के मामले में ठोस कदम नहीं उठाने के लिए सरकार पर यह कहते हुए हमला बोला कि पाकिस्तानी जेल के भीतर उन पर हमले से भारत की विदेश नीति की पूर्ण विफलता प्रतिबिंबित होती है। राजधानी दिल्ली में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। भारत सरकार को इस मामले में कड़ा और प्रभावी कदम उठाना चाहिए। सरबजीत की घटना यह साबित करती है कि भारतीय कूटनीतिक रसूख और विदेश नीति पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
बेंगलूर में भाजपा के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने सरबजीत और चीन सहित अन्य मुद्दों पर सरकार के कमजोर और दब्बू प्रतिक्रिया को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा, यह रीढ़विहीन सरकार है। ना केवल यह मामला। जब (पाकिस्तान द्वारा) दो सैनिकों के सिर काटे गए थे सरकार ने एक शब्द भी नहीं बोला।
पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरबजीत को माफी देने वाले अनुरोध पर पाकिस्तान प्रतिक्रिया करने में असफल रहा है। भारत सरकार को इस मुद्दे को पाकिस्तान के साथ मजबूती से उठाना चाहिए। पाकिस्तानी उच्चायोग के प्रेस अताशे मंजूर अली मेनन ने कहा कि सरबजीत के परिवार के चार सदस्यों को लाहौर और ननकाना साहब के लिए वीजा जारी किया गया है जैसा कि प्राथमिकता आधार पर अनुरोध किया गया था। सरबजीत सिंह पर कोट लखपत जेल में हमला किया गया था और उन्हें एक अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां वह कोमा में हैं। उन्हें जीवन रक्षक उपकरण पर रखा गया है।
इस बीच सरबजीत सिंह पर पाकिस्तानी जेल में हमला और लद्दाख क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के खिलाफ हुर्रियत कान्फ्रेंस आफ जम्मू के कार्यकर्ताओं ने जम्मू में प्रदर्शन किया। हुर्रियत कान्फ्रेंस आफ जम्मू के अध्यक्ष चेतन शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तान की जेलों में बंद भारतीय कैदियों की सुरक्षा करने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान पर हमला बोला। कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी सरकार का एक पुतला भी फूंका और हमले के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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