नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के 88वें जन्म दिन पर रविवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने बधाई दी। सिंह ने भाजपा के वरिष्ठ नेता को फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। भाजपा वाजपेयी के जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मना रही है।
पार्टी अध्यक्ष नीतिन गडकरी ने वाजपेयी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया, ‘आज अटलजी का जन्म दिन है और हमने उनके जन्म दिन को सुशासन दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। लोगों को वाजपेयी नीत राजगर सरकार के समय का सुशासन अभी तक याद है।’
भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, राजनाथ सिंह, अरूण जेटली, रवि शंकर प्रसाद और कई अन्य नेता वाजपेयी के आवास पर गए तथा उनके जन्म दिन की शुभकामनाएं दी।
भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘अटलजी के लिए देश भर से शुभकामनाएं आ रही हैं। वह भाजपा के सबसे बड़े नेता हैं और हमारी प्रेरणा के स्रोत हैं। वह सक्रिय रूप से काम करने में सक्षम नहीं है फिर भी उनकी मौजूदगी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।’
वाजपेयी को बधाई देने के लिए भाजपा के दर्जनों कार्यकर्ता और समर्थक उनके पास गए थे। वह कुछ समय से स्वस्थ नहीं हैं और 2009 का लोकसभा चुनाव भी नहीं लड़ा थे।
लोकसभा उपाध्यक्ष करिया मुंडा, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी, बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और भाजपा नेता नजमा हेपतुल्ला सहित अन्य लोगों ने इस मौके पर वाजपेयी को बधाई दी।
वाजपेयी ने 6 अप्रैल, 1980 में बनी भारतीय जनता पार्टी का अध्यक्ष पद संभाला। साथ ही वे दो बार राज्यसभा के लिए भी निर्वाचित हुए| साल 1997 में वाजपेयी ने प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर संभाली। उन्होंने 19 अप्रैल, 1998 को पुनः प्रधानमंत्री पद की शपथ ली।
सन 2004 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबन्धन (एनडीए) ने वाजपेयी के नेतृत्व में चुनाव लड़ते हुए "भारत उदय (इण्डिया शाइनिंग)" का नारा दिया।
इस चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। ऐसी स्थिति में वामपंथी दलों के समर्थन से कांग्रेस ने भारत की केन्द्रीय सरकार पर कायम होने में सफलता प्राप्त की और भाजपा विपक्ष में बैठने को मजबूर हुई।