नई दिल्ली : भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार युक्त तीन सेवाएं शुक्रवार को पेश की जिससे लोगों को एक डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए कभी भी और कहीं भी अपनी पहचान साबित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, यूआईडीएआई ने करीब 300 स्थायी नामांकन केंद्रों (आधार केंद्रों) की स्थापना की भी घोषणा की। इस साल सितंबर तक इन केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 1,000 तक पहुंचाई जाएगी।
यूआईडीएआई के चेयरमैन नंदन निलेकणी ने कहा, ‘इन केंद्रों के जरिए ऐसे लोगों को नामांकन कराने की
सुविधा दी जाएगी जो पूर्व में पंजीयकों द्वारा आयोजित शिविरों में अपना नामांकन कराने से रह गए थे। इस मौके पर मौजूद योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने कहा कि विभिन्न स्कीमों के
तहत लाभों की आपूर्ति की मौजूदा प्रणाली में 20 से 40 प्रतिशत लीकेज हो सकता है। इन सेवाओं से इन
खामियों को दूर करने में मदद मिलेगी।
प्राधिकरण ने आधार युक्त तीन सेवाएं शुरू की जिनमें ई-केवाईसी, ओटीपी (वन टाइम पिन) प्रमाणन और
पुतली का प्रमाणन शामिल हैं। ई-केवाईसी सेवा के जरिए व्यक्तियों को सेवा प्रदाताओं को अपनी पहचान और पते का प्रमाण पत्र की इलेक्ट्रानिक प्रति प्राप्त करने के लिए अधिकृत करने में मदद मिलेगी। हालांकि व्यक्ति के संबंध में सेवा प्रदाता को सूचना केवल कुछ सेकेंड के लिए ही उपलब्ध होगी ताकि इन सूचनाओं के दुरुपयोग की आशंका से बचा जा सके।
ओटीपी सेवा के तहत सभी निवासियों के मोबाइल टेलीफोन का इस्तेमाल कर उनके आधार की वास्तविकता
जानी जा सकेगी और इसके लिए बायोमीट्रिक प्रमाणन उपकरण का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा। तीसरी सेवा के तहत लोग आधार संख्या और पुतली की तस्वीर उपलब्ध कराके आधार आधारित सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। (एजेंसी)
भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण
UIDAI की ऑनलाइन पहचान प्रमाणन सेवाएं
भारतीय विशेष पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने आधार युक्त तीन सेवाएं शुक्रवार को पेश की जिससे लोगों को एक डिजिटल प्लेटफार्म के जरिए कभी भी और कहीं भी अपनी पहचान साबित करने में मदद मिलेगी।
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