नई दिल्ली: आयुर्वेद में शहद को एक खाद्य एवं प्राकृतिक औषधि के रूप में निरूपित किया गया है और शरीर को स्वस्थ, निरोग और उर्जावान बनाये रखने के लिये इसे अमृत भी कहा गया है। यूं तो सभी मौसमों में शहद का सेवन लाभकारी है, परन्तु सर्दियों में तो शहद का प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।
नियमित रूप से शहद का सेवन करने से शरीर को स्फूर्ति, शक्ति और ऊर्जा मिलती है। शहद से शरीर स्वस्थ, सुंदर और सुडौल बनता हैं। शहद मोटापा घटाता भी है और शहद मोटापा बढ़ाता भी है। मीठे शहद के गुणों से रोगी व्यक्ति स्वस्थ हो सकता है।
शहद औषधीय गुणों की वजह से अनेक बीमारियों में उपयोग होता रहा है। शहद का प्रयोग जहां आंखों की रोशनी बढ़ाने तथा कफ एवं अस्थमा और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध हुआ है, वहीं रक्त शुद्धि तथा दिल को मजबूत करने में भी सहायक है, तो पेश है कुछ टिप्स कि शहद को किन-किन बीमारियों में तथा किन द्रव्यों के साथ अनुपात निर्धारण से हम इसका लाभ उठा सकते हैं।
शहद, गाजर के जूस के साथ लेने से आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करता है। इसे खाना खाने से एक घंटा पहले लेना चाहिये। शहद के औषधीय गुणों के कारण अनेक बीमरियों से छुटाकरा पाने के लिए इसका उपयोग किया जाता है। शहद को खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और मोतियाबिंद जैसी बीमारियों को भी शहद से दूर किया जा सकता है।
कब्ज को दूर करने के लिए भी शहद का इस्तेमाल किया जाता है। टमाटर या संतरे के रस में एक चम्मच शहद डालकर प्रतिदिन लेने से कब्ज की शिकायत दूर होने लगती है।
शहद को पानी में मिलाकर कुल्ले करने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं। दांत के दर्द को दूर करने में भी शहद मदद करता है। रूई के फाहे को शहद में भिगोकर दर्द वाली जगह पर रखें।चेहरे को झुरिंयां से बचाने के लिए शहद में कच्ची हल्दी पीसकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाने से झुरिंयां दूर हो जाएंगी। गुनगुने पानी में शहद डालकर पीने से मोटापा कम होता है व दूध में शहद डालकर पीने से दुबलापन मिटता है।
गुनगुने दूध में रोजाना एक चम्मच शहद डालकर खाने से शरीर में हमेशा स्फूर्ति बनी रहती है।