नई दिल्ली : सरकारी कर्मचारियों को पेंशन मिलने में अब देरी नहीं होगी। सरकार ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिलना सुनिश्चित करने के लिये कदम उठाये हैं। इसके तहत पेंशन मिलने में देरी के लिये मुख्य कार्यालय जिम्मेदार होगा। अब कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने से एक साल पहले कागजी कारवाई शुरू करनी होगी।
सरकार द्वारा अधिसूचित नये पेंशन नियमों के अनुसार सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को आवेदन फार्म में कमी के कारण पेंशन निर्धारण में देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा और अधिकारी अस्थायी पेंशन और अस्थायी सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी की राशि का निर्धारण करने के लिये कदम उठा सकते हैं। अब तक कर्मचारियों को अपना सेवा रिकार्ड सत्यापन कराने के लिये इधर-उधर भटकना पड़ता था।
नये नियमों के तहत प्रत्येक मुख्य कार्यालय ऐसे मामलों में संबंधित कर्मचारी के सेवानिवृत्त होने या सेवानिवृत्ति से पहले अवकाश पर जाने की तिथि, जो भी पहले हो, उसके एक साल पहले फार्म 7 में पेंशन दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। अब तक इस प्रकार के कार्य के लिये दो साल का समय लगता था। साथ ही अगर सरकारी कर्मचारी की सेवा का कोई भाग का सत्यापन नहीं हो पाता है तो तब उससे एक महीने के भीतर लिखित में यह बताने को कहा जाएगा कि वास्तव में उसने उस अवधि के लिये सेवा दी है।
शुक्रवार को अधिसूचित नियमों के तहत सेवानिवृत्ति कर्मचारी का सेवा रिकार्ड सत्यापन करने में विफल रहने पर कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी तय की गयी है। कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी होगी कि वह सरकारी कर्मचारी के सर्विस बुक का सत्यापन समयबद्ध तरीके से करे।
नये नियमों में कहा गया है, अगर यह पाया जाता है कि कार्यालय प्रमुख तथा अन्य संबद्ध प्राधिकरण सेवा अवधि की गैर-पात्रता के बारे में जानकारी देने में विफल रहते हैं तो संबंधित मंत्रालय के सचिव या विभाग इसके लिये जवाबदेही तय करेगा। इसके अलावा नये नियम में पेंशन प्राप्त करने में सेवानिवृत्त कर्मचारियों या उनके आश्रितों (कर्मचारी की मृत्यु के बाद) को पेंशन दस्तोवज को आगे बढ़ाने में होने वाली कठिनाइयों को दूर किया गया है। केंद्र सरकार के करीब 50 लाख पेंशनभोगी हैं।