पाक की ओर से लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन उकसाने वाला: जेटली

नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लघन जारी रखने को ‘गंभीर और उकसाने वाला’ करार देते हुए भारत ने शनिवार को कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए ‘बहुत अनुकूल’ नहीं हैं।

पाक की ओर से लगातार संघर्षविराम का उल्लंघन उकसाने वाला: जेटली

नई दिल्ली : नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम का उल्लघन जारी रखने को ‘गंभीर और उकसाने वाला’ करार देते हुए भारत ने शनिवार को कहा कि यह द्विपक्षीय संबंधों के लिए ‘बहुत अनुकूल’ नहीं हैं।

रक्षामंत्री अरुण जेटली की इस टिप्पणी से एक दिन पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भावी वार्ता के लिए बुनियादी नियम तय करते हुए कहा था, ‘किसी भी सार्थक द्विपक्षीय वार्ता के लिए आवश्यक रूप से एक ऐसा माहौल जरूरी है जो आतंकवाद एवं हिंसा से मुक्त हो।’ बहरहाल जेटली ने उम्मीद जतायी कि सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल पी आर कुमार और उनके पाकिस्तानी समकक्ष मेजर जनरल सरफराज चौधरी के बीच विचार विमर्श के बाद स्थिति बेहतर होगी।

जेटली ने कहा कि नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सेना एवं बीएसएफ दोनों ही पूरी तरह से सतर्क हैं और वहां उत्पन्न होने वाली प्रत्येक स्थिति पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया कर रहे हैं। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा दोनों स्तरों पर घुसपैठ (संघर्षविराम उल्लंघन) गंभीर हैं तथा वे भड़काने वाले हैं..इन घटनाओं से ऐसा माहौल पैदा हो रहा है जो दोनो देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत सहायक नहीं हैं।’

जेटली से संवाददाता सम्मेलन के दौरान नियंत्रण रेखा तथा अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान द्वारा हाल में संघर्षविराम उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं और इस प्रकार की एक घटना में आज तड़के एक जवान के शहीद होने पर प्रतिक्रिया मांगी गयी थी।

संघर्षविराम का बार-बार उल्लंघन तथा पाकिस्तानी उच्चायुक्त की कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के साथ बैठक की पृष्ठभूमि में भारत ने 25 अगस्त को निर्धारित विदेश सचिव स्तर की बैठक को रद्द कर दिया था। पाकिस्तान द्वारा अगस्त में 24 बार संघर्षविराम उल्लंघन किया गया। इस दौरान दो ग्रामीण मारे गये और चार बीएसएफ जवानों सहित 17 अन्य घायल हो गये।

इस माह के शुरू में बीएसएफ ने कहा था कि पाकिस्तानी बलों द्वारा पिछले 45 दिनों से की जा रही गोलाबारी 1971 युद्ध के बाद से संभवत: सबसे भीषण है। सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक डी के पाठक ने जम्मू में संवाददाताओं से कहा था, ‘हां, ऐसी (भीषण गोलाबारी) पिछले कई वर्ष बाद हुई है, मुझे लगता है कि 1971 के बाद से। इस तरह की चीजें होने पर 45 दिन की अवधि बहुत लंबी होती है।’

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