नई दिल्ली : अगर आप ट्वीट, ईमेल, ब्लॉग आदि में बम्ब, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ला सकते हैं और इसके लिए सरकार जल्दी ही इंटरनेट खुफिया प्रणाली ‘नेत्र’ शुरू करने वाली है जो आपत्तिजनक शब्दों को पता लगाने में सक्षम होगी।
गृह मंत्रालय ‘नेत्र’ को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। सभी सुरक्षा एजेंसियां इसे लागू करेंगी ताकि ट्वीट, ईमेल, स्टैट्स अपडेट, स्काइप या गूगल टॉक जैसे साफ्टवेयरों के जरिए गुजरने वाले शब्दों को पकड़ा जा सके। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के तहत आने वाली प्रयोगशाला सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस एंड रोबोटिक्स (सीएआईआर) इस प्रणाली को विकसित कर रही है।
कैबिनेट सचिवालय, गृह मंत्रालय, डीआरडीओ, सीएआईआर, खुफिया ब्यूरो, सी.डॉट और सीईआरटी.इन ने हाल ही में नेत्र तैनात करने की रणनीति पर विचार किया है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि नेत्र के लागू हो जाने पर सुरक्षा एजेंसियों को संदिग्ध लोगों और संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी। (एजेंसी)
नेत्र
सरकार जल्द शुरू करेगी इंटरनेट खुफिया प्रणाली ‘नेत्र’
अगर आप ट्वीट, ईमेल, ब्लॉग आदि में बम्ब, अटैक, ब्लास्ट या किल जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि ऐसे शब्द आपको सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में ला सकते हैं।
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