2जी घोटाला: सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा एक नए विवाद में
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2जी घोटाला: सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा एक नए विवाद में

केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक रंजीत सिन्हा आज एक गैर सरकारी संगठन के आरोपों के साथ ही एक नये विवाद का केन्द्र बन गये। इस संगठन ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि रंजीत सिन्हा के निवास का आगंतुक रजिस्टर ‘बेहद परेशान करने वाली’ और ‘विस्फोट सामग्री’ पेश करता है जो 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन कांड में न्याय की राह में आड़े आ रही है।

2जी घोटाला: सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा एक नए विवाद में

नई दिल्ली : केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक रंजीत सिन्हा आज एक गैर सरकारी संगठन के आरोपों के साथ ही एक नये विवाद का केन्द्र बन गये। इस संगठन ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि रंजीत सिन्हा के निवास का आगंतुक रजिस्टर ‘बेहद परेशान करने वाली’ और ‘विस्फोट सामग्री’ पेश करता है जो 2जी स्पेक्ट्रम आबंटन कांड में न्याय की राह में आड़े आ रही है।

2जी स्पेक्ट्रम में शीर्ष अदालत से 122 लाइसेंस निरस्त करने वाले याचिकाकर्ताओं में से एक गैर सरकारी संगठन पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस ने न्यायालय में यह मसला उठाया। न्यायमूर्ति एच एल दत्तू, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति ए एम सप्रे की तीन सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष गैर सरकारी संगठन के वकील प्रशांत भूषण इस मसले पर तैयार अपना नोट पढ़ रहे थे लेकिन सीबीआई के वकील ने इस रजिस्ट्रर का विवरण खुले न्यायालय में सार्वजनिक करने पर आपत्ति की। न्यायालय इस मामले में गुरूवार को सुनवाई के लिये तैयार हो गया।

न्यायाधीशों ने कहा, यदि आप इस सामग्री की प्रति हमें, सीबीआई और सीबीआई निदेशक के वकील को मुहैया करा सकें तो हम इस मामले पर परसों विचार कर सकते हैं। प्रशांत भूषण ने कहा कि 2जी स्पेक्ट्रम प्रकरण की जांच से उप महानिरीक्षक संतोष रस्तोगी को अलग रखने की घटना जिसे शीर्ष अदालत के हस्तक्षेप पर दुरूस्त किया गया और इस मामले से सिन्हा को अलग रखने की अर्जी लंबित होने के दौरान एक और ‘बहुत ही पेरशान करने वाली’ बात हुयी है।

उन्होंने कहा, कल रात मुझे बहुत ही परेशान करने वाली और विस्फोटक सामग्री मिली। यह निदेशक के निवास का आंगतुक रजिस्टर है। इसके साथ ही उन्होंने मीडिया में आयी एक खबर का हवाला दिया जिसमें पिछले 15 महीनों में इस मामले में अभियुक्त एक कंपनी के बड़े अधिकारियों ने सीबीआई निदेशक से उनके घर में मुलाकातों का उल्लेख है।

प्रशांत भूषण अभी अपना नोट पढ़ ही रहे थे कि सीबीआई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के के वेणुगोपाल ने इसमें हस्तक्षेप करते हुये न्यायाधीशों से अनुरोध किया कि ये सारी सामग्री सीलबंद लिफाफे में न्यायालय में पेश करने का आदेश दिया जाये। 2जी मामले में ही आरोपी द्रमुक सांसद कनिमोई का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी भी सीबीआई निदेशक के बचाव में आ गये। उन्होंने कहा, वह अच्छी तरह से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं लेकिन उन पर तरह तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं। सिन्हा की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह मौजूद थे। उन्होंने कहा कि तरह के आरोप लगाये जा रहे हैं और ऐसा लगता है कि सीबीआई को बतौर संस्था निष्ट करने के प्रयास किये जा रहे हैं।

जेठमलानी ने कहा कि हर बार भूषण लिखित में कुछ लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि इस संगठन को हलफनामे के माध्यम से अपना कथन देने का निर्देश दिया जाये। इस पर न्यायाधीशों ने इस संगठन से कहा कि यह कुछ हलफनामे में दिया जाये और इसके साथ ही सुनवाई गुरूवार के लिये स्थगित कर दी जब न्यायालय 2जी स्पेक्ट्रम से संबंधित सारे मामलों से सिन्हा को अलग रखने की गैर सरकारी संगठन की अर्जी पर विचार करेगा। इस अर्जी में आरोप लगाया गया है कि सिन्हा 2जी प्रकरण में कुछ प्रभावशाली आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। इस गैरसरकारी संगठन का आरोप है कि निदेशक ने सीबीआई द्वारा की गयी जांच और अभियोजन को पटरी से उतारने के गंभीर प्रयास किये हैं।

 

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