BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए PM नरेंद्र मोदी ब्राजील रवाना, क्षेत्रीय संकट और सुरक्षा खतरों पर होगी चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के 5 देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए  हैं। मोदी के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी जा रहा है जिसमें वित्त राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ए के डोभाल, विदेश सचिव सुजाता सिंह और वित्त सचिव अरविंद मायाराम शामिल हैं।

BRICS सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए PM नरेंद्र मोदी ब्राजील रवाना, क्षेत्रीय संकट और सुरक्षा खतरों पर होगी चर्चा

ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स के 5 देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील रवाना हो गए  हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए गया है। इनमें वित्त राज्यमंत्री निर्मला सीतारमण, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ए के डोवाल, विदेश सचिव सुजाता सिंह तथा वित्त सचिव अरविंद मायाराम शामिल हैं। छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पिछले साल की डरबन बैठक में लिए गए फैसलों पर हुई प्रगति पर भी चर्चा होगी। यह बैठक मोदी के लिए दुनिया के प्रमुख नेताओं मसलन चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श का पहला मौका होगी।

रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने आज कहा  कि भारत इस सप्ताह ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय संकट और सुरक्षा खतरों से निपटने के प्रयासों पर विचार विमर्श करेगा ताकि शांति के माहौल को कायम रखते हुए वैश्विक आर्थिक स्थिरता को आगे बढ़ाया जा सके। ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) शिखर सम्मेलन में शिरकत के लिए बर्लिन के रास्ते ब्राजील रवाना होने से पहले एक बयान में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ब्रिक्स के एक नए विकास बैंक तथा आकस्मिक आरक्षित (कंटीन्जेंट रिजर्व) व्यवस्था की स्थापना के कदम को लेकर काफी उत्सुक है। ब्रिक्स विकास बैंक कई देशों और विकासशील राष्ट्रों में परियोजनाओं का वित्तपोषण करेगा। इस बैंक का मुख्यालय नई दिल्ली या शांघाई में बनाए जाने को लेकर भारत और चीन का अपना अपना दावा है।

ब्राजील की राष्ट्रपति दिल्मा राउसेफ के न्योते पर मोदी ब्राजील जा रहे हैं। वह फोर्टालेजा और ब्रासीलिया में 15-16 जुलाई को आयोजित छठे ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि यह बैठक ऐसे समय आयोजित की जा रही है जब दुनिया के कई हिस्सों में राजनीतिक उथलपुथल, विवाद और मानवीय संकट जारी है। उन्होंने कहा कि इस समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में कमजोरी और अशांति भी बनी हुई है। मोदी ने कहा कि कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सुस्ती का सामना करना पड़ रहा है जिससे समावेशी व आर्थिक विकास को लेकर चुनौती बढ़ गई है।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, मैं ब्रिक्स शिखर सम्मेलन को एक ऐसे मौके के रूप में देख रहा हूं जिसमें ब्रिक्स के सदस्यों के साथ इस बारे में विचार विमर्श किया जाएगा कि क्षेत्रीय संकट और सुरक्षा खतरों से निपटने तथा दुनिया में शांति ओैर स्थिरता का वातावरण बहाल करने के लिए किए जा रहे अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में हम किस तरह का योगदान कर सकते हैं। मोदी ने कहा, इसके अलावा अंतर ब्रिक्स आर्थिक सहयोग को और आगे बढ़ाने तथा वैश्विक आर्थिक सहयोग, स्थिरता व समृद्धि के लिए हमारी बातचीत से भी मुझे काफी उम्मीदें हैं। मुझे उम्मीद है कि शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स की प्रमुख पहल मसलन नया विकास बैंक और आकस्मिक आरक्षित व्यवस्था (सीआरए) को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया जा सकेगा। नई दिल्ली में 2012 में इसकी शुरुआत के बाद से इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है।

मोदी ने कहा कि इन पहलों से ब्रिक्स देशों में वृद्धि और स्थिरता को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, इससे अन्य विकासशील देशों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक वृद्धि, शांति व स्थिरता के लिए ब्रिक्स के मंच को काफी महत्व देता है। उन्होंने कहा कि यह बैठक ऐसे समय होने जा रही है जबकि दुनिया के कई हिस्सों में राजनीतिक अस्थिरता, विवाद ओैर मानवीय संकट की स्थिति है। इसके अलावा वैश्विक अर्थव्यवस्था में भी लगातार कमजोरी व जोखिम बना हुआ है। कई उभरती अर्थव्यवस्थाओं को सुस्ती का सामना करना पड़ रहा है जिससे समावेशी और टिकाउ विकास के लिए चुनौती और बढ़ गई है।

इस बार ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय ‘समावेशी वृद्धि-टिकाउ विकास’ रखा गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे संयुक्त राष्ट्र में हुए विचार विमर्श के आधार पर 2015 के बाद के विकास एजेंडा को आकार देने में मदद मिलेगी। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन प्रधानमंत्री मोदी को कई वैश्विक भागीदारों मसलन ब्राजील, चीन, रूस और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं के साथ मिलने का पहला मौका प्रदान करेगा। मोदी ने कहा, मैं इन नेताओं के साथ सार्थक बैठकों की उम्मीद कर रहा हूं जिससे द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाया जा सके और वैश्विक व क्षेत्रीय विकास पर विचारों का आदान-प्रदान किया जा सके। मोदी को ब्राजील द्वारा आयोजित इस बैठक में कई दक्षिणी अमेरिकी देशों के नेताओं के साथ भी बातचीत का मौका मिलेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि परंपरागत रूप से भारत के इन देशों के साथ सौहार्दपूर्ण व आपसी लाभ वाले रिश्ते रहे हैं। मोदी ने कहा, हमारी समान महत्वाकांक्षाएं व चुनौतियां हैं। इन देशों में रहने वाले भारतीयों ने भी आपसी संपर्क बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मोदी ने कहा, दक्षिण अमेरिका की चौतरफा प्रगति ने इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बना दिया है। यह हमारे लिए भारी अवसरों की जमीन है। इन देशों के नेताओं के साथ बातचीत के जरिये हम नए विचारों को आगे बढ़ा सकेंगे जिससे दक्षिण अमेरिका के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत हो सकेंगे और आगे बढ़ सकेंगे।  

शिखर सम्मेलन के नतीजों पर फोर्टालेजा घोषणा भी जारी की जाएगी। इसके लिए विचार विमर्श पहले से जारी है। इस विचार विमर्श में मोदी की दूत विदेश मंत्रालय में आर्थिक मामलों की सचिव सुजाता मेहता हैं। दुनिया की 40% आबादी ब्रिक्स देशों में रहती है। ब्रिक्स देशों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद 24,000 अरब डॉलर है। ब्रिक्स बैठक से इतर मोदी दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा तथा ब्राजीली राष्ट्रपति राउसेफ से भी मुलाकात करेंगे। बर्लिन में आज रात रुकने के बाद मोदी कल फोर्टालेजा रवाना होंगे। यह शिखर सम्मेलन 15 जुलाई को हो रहा है। 16 जुलाई को ब्रिक्स के नेता ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया जाएंगे जहां वे दक्षिण अमेरिकी नेताओं से मुलाकात करेंगे।

(एजेंसी इनपुट से साथ)

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