नई दिल्ली : भारत ने सोमवार को पाकिस्तान को वार्ता प्रक्रिया को पटरी से उतारने का दोषी बताया लेकिन साथ ही कहा कि राजनयिक संबंधों में कोई ‘पूर्ण विराम’ नहीं होता और लोग अल्प विराम के बाद हमेशा आगे बढ़ते हैं। भारत के इस बयान से यह संकेत भी गया है कि निकट भविष्य में वार्ता बहाल होने की गुंजाइश बन सकती है।
कश्मीरी अलगाववादियों के साथ बातचीत करने के औचित्य पर सवाल उठाते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान से यह उम्मीद करना ‘बहुत ज्यादा’ नहीं होगा कि उसे भारत के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
बहरहाल, पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर भावी रणनीति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘कूटनीति में कभी पूर्ण विराम नहीं होता। इसमें हमेशा अल्प विराम होते हैं। और इन सब के बाद, लोग सदा आगे बढ़ते हैं। राजनय यात्रा में कोई पूर्ण विराम नहीं होता।’ यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस माह के अंत में संरा महासभा से इतर न्यूयार्क में अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ से मुलाकात करेंगे, विदेश मंत्री ने कहा कि यह आने वाले दिनों में उभरने वाले हालात पर निर्भर करेगा तथा वह वहां पहले से कोई मन बनाकर नहीं जायेंगे।
उन्होंने ध्यान दिलाया कि प्रधानमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में यहां जब शरीफ आये थे तो उनकी मोदी के साथ हुई मुलाकात में यह तय हुआ था कि दोनों देशों के विदेश सचिवों की 25 अगस्त को इस्लामाबाद में बैठक होगी। सुषमा ने कहा, ‘मैं नहीं जानती कि उनके उच्चायुक्त को कश्मीरी अलगाववादियों को आमंत्रित करने और उनसे बातचीत करने की क्या जरूरत थी। उन्होंने स्वयं उन्हें (अलगाववादियों को) आमंत्रित किया था। उन्होंने (भारत के साथ) बातचीत को पटरी से क्यों उतारा। उन्हें क्या हासिल हुआ..किसने पहल को पटरी से उतारा..पाकिस्तान ने।’