शहरी गरीबी एक बड़ी चुनौती, पर भारत झुग्गी मुक्त हो: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि शहरी गरीबी के मोर्चे पर विकट चुनौतियां हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि उन पर काबू नहीं पाया जा सकता है और उम्मीद है कि जो कदम उठाये जा रहे हैं उससे एक झुग्गी मुक्त भारत का निर्माण होगा।

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि शहरी गरीबी के मोर्चे पर विकट चुनौतियां हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि उन पर काबू नहीं पाया जा सकता है और उम्मीद है कि जो कदम उठाये जा रहे हैं उससे एक झुग्गी मुक्त भारत का निर्माण होगा। राष्ट्रपति ने कहा कि अगले 40 साल में भारत दुनिया में शहरी जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि वाला देश बन सकता है लेकिन चिंता की बात है कि हमारे शहरी ढांचे रफ्तार पकड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। मुखर्जी ने कहा कि व्यवस्था में खामियां, झुग्गियां और आवासहीनता नीति-निर्माताओं के सामने चुनौती खड़ी करते हैं। उन्होंने कहा कि देश में करीब 9.3 करोड़ लोग झुग्गियों में रहते हैं और करीब 1.8 करोड़ शहरी आवासों की कमी है।
राष्ट्रपति एक समारोह को संबोधित कर रहे थे जहां उन्होंने आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय की फ्लैगशिप योजनाओं के तहत अनेक श्रेणियों में प्रदर्शन के लिए राज्यों और शहरों को 2012-13 के लिए पुरस्कार प्रदान किये। मुखर्जी ने जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीनीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम), स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना (एसजेएसआरवाई), राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और राजीव आवास योजना के तहत हो रहे कार्यों की तारीफ की।
उन्होंने कहा कि साल 2000 से 2010 के बीच करीब 20 करोड़ लोगों को झुग्गियों से बाहर निकाला गया था। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत को झुग्गी मुक्त बनाने के लिए कदम उठाये जाएं। आवास और शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री गिरिजा व्यास ने अपने भाषण में अपने मंत्रालय के कार्यों पर रोशनी डाली। (एजेंसी)

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