काश! प्रियंका के दुख को उनके भाई और मां भी समझे होते : जेटली

अपने पति राबर्ट वाड्रा पर विपक्ष द्वारा ‘व्यक्तिगत’ हमले किए जाने को लेकर प्रियंका गांधी की ओर से दुख प्रकट किए जाने के बारे में भाजपा नेता अरुण जेटली ने कहा कि अच्छा होता कि उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी भी इस बात को समझ पाते और मोदी के बाल विवाह को सार्वजनिक मुद्दा नहीं बनाते और उन्हें ‘मौत का सौदागर’ न कहते।

नई दिल्ली : अपने पति राबर्ट वाड्रा पर विपक्ष द्वारा ‘व्यक्तिगत’ हमले किए जाने को लेकर प्रियंका गांधी की ओर से दुख प्रकट किए जाने के बारे में भाजपा ने आज कहा कि अच्छा होता कि उनके भाई राहुल गांधी और मां सोनिया गांधी भी इस बात को समझ पाते और मोदी के बाल विवाह को सार्वजनिक मुद्दा नहीं बनाते और उन्हें ‘मौत का सौदागर’ न कहते।
भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कहा, ‘श्रीमती वाड्रा सही कह रही हैं कि व्यक्तिगत प्रहारों से पीड़ा होती है और लोगों को इससे बचना चाहिए। मेरी इच्छा है कि उनके राजनीतिक मित्रों को भी इसे समझना चाहिए। अगर उन्होंने समझ लिया होता तो उनके भाई ने नरेन्द्र मोदी के तथाकथित बाल विवाह को सार्वजनिक मुद्दा नहीं बनाया होता।’ जेटली ने पलटवार जारी रखते हुए कहा, ‘नि:संदेह अगर मां (सोनिया गांधी) ने अपनी बेटी की बात सुनी होती, उन्होंने मोदी को ‘मौत का सौदागर’ नहीं कहा होता।
प्रियंका ने कल कहा था, ‘मेरे परिवार को जलील किया जा रहा है। मेरे पति के बारे में जो बोला जाता है उससे मुझे दुख होता है।’ भाजपा नेता ने अपने ब्लॉग में कहा कि अगर प्रियंका की बात को कांग्रेस ने समझा होता तो वह अहमदाबाद में एक युवती की सुरक्षा के मुद्दे को ‘जासूसी’ के मुद्दे में नहीं बदलती। और अदालत ने जहां पाया कि मोदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का भी मामला नहीं बनता उस मुद्दे (2002 के दंगे) को लेकर कांग्रेस 12 साल तक झूठ के आधार पर प्रचार नहीं चलाती।
जेटली ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘श्रीमती प्रियंका वाड्रा दावा करती हैं कि वह राजनीति में नहीं हैं। वह अपने भाई और मां के चुनाव क्षेत्रों में उनकी मदद करती हैं, जिसका उन्हें हक है।’ उन्होंने कहा कि कल प्रियंका ने कहा कि अपने पति पर व्यक्तिगत हमलों से उन्हें दुख होता है। उनके पति निवेश के स्वरूप को लेकर विवादों के घेरे में हैं। भाजपा नेता ने कहा, ऊपर से देखने पर यह बिना मूल पूंजी के निवेश और उससे अभूतपूर्व लाभ कमाने का मामला लगता है। इसमें ऐसा कुछ जरूर है जो हज़म नहीं हो रहा है।
जेटली ने कहा, ‘मैं श्रीमती वाड्रा से पूरी तरह सहमत हूं कि व्यक्तिगत प्रहार से दुख होता है और इससे बचना चाहिए। लेकिन परोपकार की तरह अच्छी सलाह भी हमेशा घर से शुरू होती है।’ भाजपा की प्रवक्ता निर्मला सीतारमण ने भी प्रियंका की शिकायत पर कहा कि व्यक्तिगत आरोपों की शुरूआत उनके परिवार और उनकी पार्टी की ओर से हुई है। (एजेंसी)

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