ज़ी मीडिया ब्यूरो
लीड्स : श्रृंखला जीतने के बाद आत्मविश्वास से ओतप्रोत भारतीय क्रिकेट टीम अपने पैर जमीन पर रखते हुए शुक्रवार को यहां पांचवें और आखिरी वनडे में जीत दर्ज करके इंग्लैंड का सफाया करने के इरादे से उतरेगी। टेस्ट श्रृंखला में मिली हार के बाद वापसी करते हुए भारत ने वनडे श्रृंखला में हर विभाग में इंग्लैंड को उन्नीस साबित कर दिया।
पहला मैच बारिश की भेंट होने के बाद विश्व चैम्पियन भारत ने लगातार तीन मैच जीतकर श्रृंखला 3-0 से अपने नाम कर ली। यह 2002 के बाद इंग्लैंड में त्रिकोणीय वनडे श्रृंखला में उसकी पहली जीत है। भारत ने 2013 आईसीसी चैम्पियंस ट्राफी यहां जीती थी लेकिन वह कई टीमों का टूर्नामेंट था। भारत ने इंग्लैंड में आखिरी द्विपक्षीय श्रृंखला 1990 में जीती थी जब 2-0 से जीत के साथ उसने टैक्साको ट्राफी अपने नाम की थी। उस श्रृंखला और मौजूदा श्रृंखला के बीच एकमात्र समानता रवि शास्त्री हैं। वह 1990 में भारतीय टीम का हिस्सा थे और इस बार टीम के क्रिकेट निदेशक हैं।
उस समय मोहम्मद अजहरूद्दीन भारतीय टीम के कप्तान थे जिनका सर्वाधिक वनडे जीत का रिकार्ड हाल ही में मौजूदा कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने तोड़ा है। शास्त्री और धोनी का इरादा जीत के साथ श्रृंखला खत्म करने का होगा। यह मुश्किल भी नजर नहीं आ रहा क्योकि इंग्लैंड ने अब तक किसी मैच में कोई चुनौती पेश नहीं की है। कप्तान एलेस्टेयर कुक इसके लिये चयन या रणनीति को दोषी मानने को भी तैयार नहीं हैं जबकि वे मोईन अली और जेम्स ट्रेडवेल को एक साथ अंतिम एकादश में उतारने से कतराते आये हैं।
कुक का मानना है कि उनकी रणनीति गलत नहीं है और यह भी इंग्लैंड टीम के वनडे क्रिकेट में खराब प्रदर्शन की एक वजह हो सकती है। नए सलामी बल्लेबाज एलेक्स हेल्स स्विंग लेती गेंदों का सामना नहीं कर पा रहे हैं। मध्यक्रम के बल्लेबाज भी नाकाम रहे हैं और आखिरी मैच में चोट के कारण इयान बेल भी नहीं खेल सकेंगे। टेस्ट क्रिकेट में गैरी बैलेंस ने अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन उस फार्म को वह वनडे में दोहरा नहीं पाए हैं। इंग्लैंड ने वनडे क्रिकेट में या तो पहले 20 ओवरों में कई विकेट गंवा दिये या 35वें ओवर से पहले उनकी बल्लेबाजी चरमरा गई। कार्डिफ में उन्होंने आखिरी 15 ओवर से पहले ही आठ विकेट गंवा दिये थे जबकि नाटिंघम और बर्मिंघम में 35 ओवर तक उनके पांच पांच विकेट गिर गए थे।
भारतीय गेंदबाजों का काम इससे आसान हो गया है। धोनी ने कहा है कि उनके मध्यम तेज गेंदबाजों को डैथ ओवरों में बेहतर प्रदर्शन करना होगा। एडबस्टन को छोड़कर बाकी मैदानों पर स्पिनरों को टर्न मिला है और उन्होंने अच्छा प्रदर्शन भी किया है। दक्षिण अफ्रीका में नाकाम रहे बल्लेबाजों का खोया मनोबल लौटा है जिसका श्रेय इंग्लैंड के गेंदबाजों के लचर प्रदर्शन को भी जाता है। अजिंक्य रहाणे और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और धोनी ने इसे आगे भी जारी रखने के संकेत दिये हैं। इसके मायने हैं कि लौटने पर रोहित शर्मा को चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करनी होगी । यदि यह सही है तो भारत को मध्यक्रम को मजबूत करना होगा। रहाणे के उपर आने के मायने हैं कि मध्यक्रम में एक विकल्प कम होगा।
अंबाती रायुडू ने सीमित मौकों में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन टीम प्रबंधन संजू सैमसन को भी मौका देना चाहेगा। औपचारिकता के इस मुकाबले में भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी को आराम देकर उमेश यादव और कर्ण शर्मा को उतारा जा सकता है।
टीमें : भारत: एमएस धोनी (कप्तान), शिखर धवन, मुरली विजय, विराट कोहली, अजिंक्य रहाणे, सुरेश रैना, अंबाती रायुडू, स्टुअर्ट बिन्नी, संजू सैमसन, आर अश्विन, रविंद्र जडेजा, कर्ण शर्मा, मोहित शर्मा, उमेश यादव, मोहम्मद शमी, धवल कुलकर्णी, भुवनेश्वर कुमार।
इंग्लैंड: एलेस्टेयर कुक (कप्तान) , मोईन अली, जेम्स एंडरसन, गैरी बैलेंस, इयान बेल, जोस बटलर, स्टीवन फिन, हैरी गर्ने, एलेक्स हेल्स, क्रिस जोर्डन, ईयोन मोर्गन, जो रूट, बेन स्टोक्स, जेम्स ट्रेडवेल, क्रिस वोक्स। (एजेंसी इनपुट के साथ)