‘गंगनम शैली’ के साथ एशियाई खेलों का इंचियोन में रंगारंग आगाज

पॉप की सनसनी साइ की ‘गंगनम शैली’ के गवाह बने रंगारंग उदघाटन समारोह के साथ शुक्रवार को यहां 17वें एशियाई खेलों की शुरूआत हो गयी जिसमें 45 देशों के 13,000 से भी अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

‘गंगनम शैली’ के साथ एशियाई खेलों का इंचियोन में रंगारंग आगाज

इंचियोन : पॉप की सनसनी साइ की ‘गंगनम शैली’ के गवाह बने रंगारंग उदघाटन समारोह के साथ शुक्रवार को यहां 17वें एशियाई खेलों की शुरूआत हो गयी जिसमें 45 देशों के 13,000 से भी अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।

ओलंपिक खेलों के बाद दुनिया के सबसे बड़े खेल मेले के दर्शनीय उद्घाटन समारोह में साइ की गंगनम शैली ने सभी को मंत्रमुग्ध किया लेकिन रंगारंग आतिशबाजी और सांस थाम देने वाले विजुअल इफेक्ट भी कार्यक्रम के आकर्षण के केंद्र रहे। कोरियाई राष्ट्रपति पाक गेयुन हाइ ने खचाखच भरे मुख्य स्टेडियम में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच खेलों के शुरूआत की घोषणा की जिसके बाद आकाश आतिशाबाजी से नहा गया।

समारोह के आखिर में खेलों में भाग लेने वाली टीमों ने स्टेडियम में प्रवेश किया। ईरान के बाद स्टेडियम में प्रवेश करने वाले भारतीय दल की अगुवाई हॉकी कप्तान सरदार सिंह कर रहे थे। भारतीय पुरूष खिलाड़ियों ने काला ब्लैजर और महिलाओं ने नीले रंग की साड़ी पहन रखी थी। सभी खिलाड़ियों के हाथों में तिरंगा और चेहरे पर मुस्कान थीं। भारत कुल 28 खेलों में भाग ले रहा है और उसने करीब 700 सदस्यीय दल यहां भेजा है।

कोरियाई अभिनेत्री ली यंग आइ ने अग्निकुंड प्रज्ज्वलित किया जिसके साथ दो सप्ताह तक चलने वाले खेल महाकुंभ की शुरूआत हुई। इंचियोन पिछले 12 वर्षों में दूसरा कोरियाई शहर है जहां इन खेलों का आयोजन किया जा रहा है। इससे पहले 2002 में बुसान में एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था।

उद्घाटन समारोह की थीम एशियाई एकता थी। सांस्कृतिक कार्यक्रम के चार हिस्से थे। प्राचीन समय का एशिया, समुद्री मार्गों से जुड़ा एशिया, एशिया एक परिवार और दोस्त तथा एक एशिया। समारोह की शुरूआत स्वागत संबंधी प्रदर्शनों से हुई जिसमें 80 मिनट का समय लगा। इसमें पुंगमुल प्ले से कोरिया की सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देखने को मिली। विभिन्न हस्तियों ने अपने शुभकामना संदेश दिये जबकि के-पॉप ग्रुप ईएक्सओ ने दर्शकों को रोमांचित किया। यह सत्र भी तीन हिस्सों में बंटा था। इंचियोन, सपनों का महल, इंचियोन जहां हम सभी दोस्त बने और कल जिसका सपना हमने देखा है।

कार्यक्रम के प्रस्तोता किम सुंग और योन सू यंग के स्टेज पर आने से पहले दर्शकों ने कोरिया के पारंपरिक ड्रम और मजीरे की तरह के उपकरणों का आनंद लिया। इसके बाद, बच्चों के एक दल ने 1988 सोल ओलंपिक और 2002 फीफा विश्वकप के थीम गीत सहित कोरिया में हो चुके खेल महाकुंभों के गीतों के रिमिक्स पर कार्यक्रम प्रस्तुत किया।

कोरिया के लोकप्रिय उत्साहजनक गीत ‘फॉर यू’ ने यह उद्घाटन समारोह देखने आए दर्शकों में जोश भर दिया। इसके बाद प्रकाशपुंज में सराबोर एक बालिका स्टेडियम में अवतरित हुई जिसे मानवता की आशा और सपनों के प्रतीक के रूप में पेश किया गया। वह कोरिया के पारंपरिक खेल का प्रदर्शन कर रही थी जो यहां विश्व में एकता और अखंडता का संदेश के रूप में दिखाया गया। यह बालिका किम मिन लयात्मक जिम्नास्टिक की खिलाड़ी है और उनका लक्ष्य 2020 तोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतना है।

उद्घाटन समारोह का दूसरा हिस्सा दो थीम वाले गानों ‘नया एशिया, उम्मीद का गीत’ और ‘इंचियोन’ के साथ शुरू हुआ। कवि को उन ने ‘एशियाड के लिये गीत’ पढ़ा जिसके बाद सोपोर्णो सुमी जो ने बेहतरीन तरीके से एकल गीत गाया। बाद में दस गायकों ने उनका साथ दिया और दर्शक भी उनके साथ गुनगुनाने लगे। यह गीत जल्द ही एयररैंग में बदल गया जो लोकप्रिय कोरियाई लोकगीत है जिसे अक्सर अनधिकृत राष्ट्रीय गीत के रूप में गाया जाता है।

इंचियोन से संबंध रखने वाले दो जुड़े बीरयु और सिम चियोंग को भी स्टेज पर प्रदर्शित किया गया। बीरयु प्राचीन राजशाही के संस्थापक थे जबकि सिम चियोंग प्राचीन उपन्यास की बालिका थी जो उन मछुआरों के बलिदान के रूप में समुद्र में कूद गयी थी जिन्होंने उसके नेत्रहीन पिता को इसके बदले में बड़ी मात्रा में चावल देने का वादा किया था। ओपेरा सिंगर आन सुक सुन ने ‘वन एशिया’ गाया।

एक जहाज (प्रतिकृति) स्टेडियम में अवतरित हुआ जिसमें अभिनेता किम सू ह्यून और 45 देशों के लोग थे। अभिनेता जंग डोंग गुन और इंचियोन के लोगों ने इनका स्वागत किया। ये सभी प्रदर्शन कार्यकारी निदेशक इम क्योन ताइक और कलात्मक निदेशक जंग जिन के निर्देशन में संपन्न हुए। सांस्कृतिक कार्यक्रम के समापन के बाद मेजबान देश दक्षिण कोरिया का ध्वज स्टेडियम में लाया गया और फिर मेजबान देश का राष्ट्रीय गीत गाया गया। मार्च पास्ट के लिये एक टीम में केवल 130 सदस्यों को शामिल करने की अनुमति दी गयी थी तथा भारतीय दल में वे खिलाड़ी शामिल नहीं थे जिनकी स्पर्धाएं कल से शुरू हो रही हैं। उम्मीद के अनुरूप मेजबान देश के दल को सबसे अधिक तालियां मिली।

खेलों की शुरूआत की औपचारिक घोषणा के बाद कोरिया के चोटी के पूर्व आठ खिलाड़ी एशियाई ओलंपिक परिषद (ओसीए) का ध्वज लेकर स्टेडियम में आये। कोरियाई खिलाड़ी ओ जिन हाइक और नाम ह्यून ही तथा जज किम हांग ली और सुह हेई जंग ने खिलाड़ियों को शपथ दिलायी जिसके बाद ओसीए का ध्वज फहराया गया। खेलों की मशाल नौ अगस्त को नयी दिल्ली के ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में प्रज्ज्वलित की गयी जहां 1951 में पहले एशियाई खेलों का आयोजन किया गया था। धावकों का एक दल मशाल को लेकर स्टेडियम में आया और कोरियाई अभिनेत्री ली यंग एइ ने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच अग्निकुंड प्रज्ज्वलित किया।

पारंपरिक तौर पर एशियाई खेलों की मशाल मेजबान देश में प्रज्ज्वलित की जाती है लेकिन एशियाई खेलों के इतिहास को सम्मान देते हुए 17वें खेलों की मशाल पहली बार दूसरे देश में जलायी गयी। इससे एक नयी परंपरा शुरू हो गयी जिसके बाद अब मशाल ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में जलायी जाएगी। नयी दिल्ली से मशाल चीन होते हुए समुद्री रास्ते से 12 अगस्त को इंचियोन पहुंची थी। समारोह का अंत गंगनम शैली के संगीत और नृत्य से हुई जिसमें खिलाड़ियों और दर्शकों ने भी पूरा साथ दिया। प्रतियोगिताएं कल से शुरू होंगी।

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