हाकी इंडिया ने राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों से हटने की दी धमकी

हाकी इंडिया ने सरकार से पर्याप्त धनराशि नहीं मिलने के कारण राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पुरुष और महिला टीम नहीं भेजने की धमकी दी लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण ने इसे खास तवज्जो नहीं दी और कहा कि यह मसला सुलझा लिया जाएगा और हाकी इंडिया को अतिरिक्त धनराशि दे दी जाएगी। हाकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने कहा कि साई ने उन्हें सूचित किया है कि हाकी के लिये 31 मार्च 2015 तक के लिये केवल 31 लाख रुपए बचे हैं और यह धनराशि टीमों को राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भेजने के लिये पर्याप्त नहीं है।

नई दिल्ली : हाकी इंडिया ने सरकार से पर्याप्त धनराशि नहीं मिलने के कारण राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में पुरुष और महिला टीम नहीं भेजने की धमकी दी लेकिन भारतीय खेल प्राधिकरण ने इसे खास तवज्जो नहीं दी और कहा कि यह मसला सुलझा लिया जाएगा और हाकी इंडिया को अतिरिक्त धनराशि दे दी जाएगी। हाकी इंडिया के महासचिव नरिंदर बत्रा ने कहा कि साई ने उन्हें सूचित किया है कि हाकी के लिये 31 मार्च 2015 तक के लिये केवल 31 लाख रुपए बचे हैं और यह धनराशि टीमों को राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भेजने के लिये पर्याप्त नहीं है।

बत्रा ने कहा कि यदि अतिरिक्त धनराशि आवंटित नहीं की जाती है तो फिर से हाकी इंडिया के पास राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों से टीमों को हटाने के अलावा कोई और विकल्प नहीं रहेगा। बत्रा ने कहा, ‘‘साई ने पत्र भेजकर सूचित किया कि हाकी के लिये 31 मार्च 2015 तक केवल 31 लाख रुपए बचे हुए है और हमें राष्ट्रमंडल, एशियाई खेल और भारत में चैंपियन्स ट्राफी में भाग लेना है। हमने साई को 2014 - 15 के लिये 38 करोड़ रुपए का बजट दिया था लेकिन उन्होंने हाकी के लिये केवल दस करोड़ रुपए आवंटित किये जिनमें से अप्रैल से लेकर इस साल जून तक हम 9.69 करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘टीमों को राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में भेजने के लिये 31 लाख रुपए पर्याप्त नहीं हैं। पिछले साल 24 करोड़ रुपए आवंटित किये गये थे। यदि सरकार अतिरिक्त धनराशि नहीं देती तो फिर हमें टीमों को हटाने के लिये मजबूर होना पड़ेगा। मैं केवल 38 लाख रुपए में तीन प्रमुख प्रतियोगिताओं के लिये खिलाड़ियों को कैसे भेज सकता हूं और कैसे शिविरों का आयोजन करूंगा। गेंद अब सरकार के पाले में हैं। उन्हें फैसला करने दीजिए।’’

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