नई दिल्ली : भारत अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए स्वदेशी वायुक्षेत्र चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली :अवाक्स: विकसित करने की योजना बना रहा है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के अधिकारियों ने यहां बताया कि ‘अवाक्स-इंडिया’ परियोजना के तहत स्वदेशी प्रणाली विकसित करने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए एक दो महीने में सुरक्षा मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति के पास भेजा जाएगा।
इस परियोजना के तहत अत्यधिक क्षमता वाले रडार आईएल-76 या बोइंग जैसे शक्तिशाली विमानों के ऊपर लगाए जाएंगे। फिलहाल, वायुसेना तीन फाल्कन अवाक्स संचालित कर रहा है जिसे इस्राइल से खरीदा गया था। ये अवाक्स रूसी विमान आईएल 76 के उपर लगाए गए हैं। डीआरडीओ अवाक्स के छोटे प्रारूप को भी विकसित कर रहा है जिसे ‘एयर बोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल’ (एईडब्ल्यू एंड सी) प्रणाली के रूप में जाना जाता है।
अधिकारियों ने बताया कि ‘एईडब्ल्यू एवं सी’ परियोजना के तहत डीआरडीओ रडार एवं अन्य वायु क्षेत्र निगरानी उपकरणों को एम्ब्रेजर जेट विमान पर लगा रहा है जिसे ब्राजील से खरीदा गया है। उन्होंने बताया कि इस तरह की दो पूर्ण संचालित प्रणाली भारत को साल के आखिर तक मिल जाएंगी।
आसमान में दुश्मन के लड़ाकू विमानों को खोज निकालने के अलावा ‘अवाक्स’ का उपयोग शत्रुओं के मिसाइलों का पता लगाने में भी किया जाएगा। इसके जरिए सीमा के पास सैनिकों के ठिकाने का भी पता चल सकेगा। (एजेंसी)
अवाक्स प्रणाली
अवाक्स प्रणाली विकसित करेगा भारत
भारत अपनी वायु रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए स्वदेशी वायुक्षेत्र चेतावनी एवं नियंत्रण प्रणाली :अवाक्स: विकसित करने की योजना बना रहा है।
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