ऑटो सेक्टर में भारी मंदी, यात्री वाहनों की बिक्री 18 साल में सबसे कम, GST घटाने की मांग
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ऑटो सेक्टर में भारी मंदी, यात्री वाहनों की बिक्री 18 साल में सबसे कम, GST घटाने की मांग

 पिछले 11 में से 10 महीनों में यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है. सिर्फ अक्टूबर, 2018 ही ऐसा रहा जबकि यात्री वाहनों की बिक्री में 1.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.

दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट. (फाइल)

नई दिल्ली: घरेलू बाजार में यात्री वाहनों की बिक्री में 18 साल की सबसे अधिक गिरावट आई है. मई महीने में यात्री वाहनों की बिक्री 20.55 प्रतिशत घटकर 2,39,347 वाहन रह गई. मई 2018 में यह आंकड़ा 3,01,238 वाहन था. खास बात यह है कि पिछले 11 में से 10 महीनों में यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट आई है. सिर्फ अक्टूबर, 2018 ही ऐसा रहा जबकि यात्री वाहनों की बिक्री में 1.55 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी. पिछले महीने यात्री वाहनों की बिक्री में गिरावट सितंबर, 2001 के बाद सबसे अधिक रही है. उस समय यात्री वाहनों की बिक्री 21.91 प्रतिशत घटी थी. 

दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी गिरावट
वाहन विनिर्माताओं के संगठन सियाम के अनुसार मई में सभी प्रमुख खंडों...दोपहिया और वाणिज्यिक वाहन में वाहनों की बिक्री में गिरावट आई. मई में घरेलू बाजार में कारों की बिक्री 26.03 प्रतिशत घटकर 1,47,546 इकाई रह गई. पिछले साल मई में यह आंकड़ा 1,99,479 इकाई था. इसी तरह समीक्षाधीन महीने में मोटरसाइकिलों की बिक्री 4.89 प्रतिशत घटकर 11,62,373 इकाई रह गई, जो पिछले साल पहले समान महीने में 12,22,164 इकाई थी. मई में दोपहिया की कुल बिक्री 6.73 प्रतिशत घटकर 17,26,206 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 18,50,698 इकाई थी. वाणिज्यिक वाहनों की बिक्री मई में 10.02 प्रतिशत घटकर 68,847 इकाई रह गई. 

सभी वाहनों की बिक्री 8.62 फीसदी गिरी
मई 2019 में विभिन्न श्रेणियों में सभी वाहनों की बिक्री 8.62 प्रतिशत घटकर 20,86,358 इकाई रह गई, जो एक साल पहले समान महीने में 22,83,262 इकाई थी. सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने कहा, ‘‘मई में भी बिक्री की रफ्तार नीचे आई. हालांकि खुदरा बिक्री का आंकड़ा थोक बिक्री की तुलना में थोड़ा बेहतर है, जिससे पता चलता है कि उद्योग उत्पादन कटौती के कदम उठा रहा है. भंडारण में सुधार किया जा रहा है. हमने पिछले 15 साल में ऐसी सुस्ती नहीं देखी है.’’  माथुर ने कहा कि इस तरह की बाजार स्थिति में अब समय आ गया है जबकि सरकार को उद्योग को रफ्तार देने के लिए कुछ कदम उठाने चाहिए. माथुर ने कहा कि सरकार ने इससे पहले 2011-12 और 2008-09 में उद्योग की स्थिति में सुधार के उपाय किए थे. इन नीतिगत उपायों में उत्पाद शुल्क कटौती आदि शामिल है. 

GST घटाने की मांग
सियाम के उप महानिदेशक सुगातो सेन ने इस स्थिति को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए कहा कि उद्योग ने सरकार से सभी श्रेणियों के वाहनों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर को 28 से घटाकर 18 प्रतिशत करने की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को वाहन को कबाड़ करने की नीति भी लेकर आनी चाहिए. इससे नए वाहनों के लिए बाजार बनेगा. इसके अलावा हम चाहते हैं कि सरकार शोध एवं विकास पर दिए जाने वाले भारांकित कर कटौती को पिछले स्तर (200 प्रतिशत) पर लाए.’’ 

उत्पादन में 7.97 फीसदी की कटौती
मांग घटने की वजह से वाहन उद्योग उत्पादन घटा रहा है. मई में विभिन्न खंडों में उत्पादन में 7.97 प्रतिशत की कटौती की गई. मई में देश की प्रमुख वाहन कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की यात्री वाहन बिक्री 25.06 प्रतिशत घटकर 1,21,018 इकाई रह गई. मारुति की प्रमुख प्रतिद्वंद्वी हुंदै मोटर इंडिया की बिक्री 5.57 प्रतिशत घटकर 42,502 इकाई रह गई. 

हीरो मोटोकॉर्प की बिक्री 7.98 फीसदी गिरी
वहीं घरेलू वाहन कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा की यात्री वाहन बिक्री मामूली घटकर 20,607 इकाई रह गई. दोपहिया खंड में हीरो मोटोकॉर्प की घरेलू बाइक बिक्री 7.98 प्रतिशत घटकर 6,37,319 इकाई रह गई. हालांकि, उसकी प्रतिद्वंद्वी बजाज आटो की बिक्री 6.84 प्रतिशत बढ़कर 2,05,721 रही. 

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