Automatic Transmission: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर शिफ्टिंग ऑटोमेटिक तरीके से होती है, कार खुद से गियर बदलती है, इसके लिए ड्राइवर को मैनुअल क्लच दबाने या गियर शिफ्ट करने की जरूरत नहीं होती है.
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Automatic Transmission Cars: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियर शिफ्टिंग ऑटोमेटिक तरीके से होती है, कार खुद से गियर बदलती है, इसके लिए ड्राइवर को मैनुअल क्लच दबाने या गियर शिफ्ट करने की जरूरत नहीं होती है. ऐसे में ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों को ड्राइव करना आसान होता है. खासकर जब आप ज्यादा ट्रैफिक में कार चलाते हैं तो ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन आपक सफर को आसान बना देता है और आपको कम थकान होती है. चलिए, इसके 3 फायदे और 3 नुकसान बताते हैं.
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों के फायदे
आसान: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का उपयोग करना आसान है और इसके लिए कम ड्राइवर इनपुट की जरूरत होती है. ऐसे में ड्राइवर के लिए कार चलाना आसान हो जाता है, खासकर ज्यादा ट्रैफिक में.
स्मूथ गियर शिफ्टिंग: मैनुअल ट्रांसमिशन की तुलना में ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन में गियर ज्यादा स्मूथली शिफ्ट होते हैं. ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में गियरशिफ्ट पर ज्यादा जर्क महसूस नहीं होता है.
सेफ्टी: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन वाली कारों में ड्राइवर दोनों हाथों को लगातार स्टीयरिंग व्हील पर रख सकता है. ड्राइवर को गियर शिफ्ट करने पर ध्यान नहीं देना होता, इससे वह पूरा ध्यान सड़क और ड्राइविंग पर दे पाते हैं.
ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारों के नुकसान
कॉस्ट: ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन आमतौर पर मैनुअल ट्रांसमिशन की तुलना में अधिक महंगे होते हैं. ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन के रखरखाव का खर्चा भी ज्यादा है.
कम कंट्रोल: ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन के साथ ड्राइवर का वाहन के एक्सीलेरेशन पर कम कंट्रोल होता है, जो कुछ ड्राइविंग स्थितियों में परेशानी भरा हो सकता है.
कम परफॉर्मेंस: आमतौर पर ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन उतना बेहतर रिस्पॉन्स नहीं करते जितना कि मैनुअल ट्रांसमिशन करते हैं. हालांकि, अब टेक्नोलॉजी बढ़ रही है और ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन काफी बेहतर हुए हैं.