Sapt Rishi : इन सप्त ऋषियों का नाम जपने से होती है पुण्य की प्राप्ति, रोग-दोष रहते हैं कोषों दूर
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Sapt Rishi : इन सप्त ऋषियों का नाम जपने से होती है पुण्य की प्राप्ति, रोग-दोष रहते हैं कोषों दूर

Sapt Rishi Mantra: सप्त ऋषियों पर ब्रह्माण्ड में संतुलन बनाए रखने और मानव जाति को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी थी. माना जाता है कि आज भी सप्तऋषि अपने इन कार्यों में लगे हुए हैं. रात को आकाश में दिखने वाले एक तारामंडल को भी सप्तऋषि तारामंडल की संज्ञा दी गई है. 

सप्तऋषि मंत्र का महत्व

Importance Of Sapt Rishi Mantra: सनातन धर्म में सप्त ऋषियों का नाम जपने का महत्व बताया गया है. माना जाता है कि इन ऋषियों का नाम जपने से पापों से मुक्ति मिलती है. आइए जानते हैं सात ऋषियों और उस मंत्र के बारे में जिसके जप करने से आपको किसी भी तरह की मुसीबतों का सामना नहीं करना पड़ता है. 

कौन हैं सप्तऋषि 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार प्राचीन काल में सात ऋषियों का एक समूह था. जिसे सप्तऋषि नाम से जाना जाता था. इन ऋषियों पर ब्रह्माण्ड में संतुलन बनाए रखने और मानव जाति को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी थी. माना जाता है कि आज भी सप्तऋषि अपने इन कार्यों में लगे हुए हैं. रात को आकाश में दिखने वाले एक तारामंडल को भी सप्तऋषि तारामंडल की संज्ञा दी गई है. वेदों में जिन सात ऋषियों के नाम का जिक्र है वो ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि हैं. वेदों में इन सात ऋषियों को वैदिक धर्म का संरक्षक माना गया है.  

हिंदू धार्मिक ग्रंथों में सप्तऋषियों का विशेष स्थान है. बहुत से हिंदू प्राचीन ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि सप्तऋषियों की उत्पत्ति ब्रम्हाजी के मस्तिष्क से हुई है. ये सप्तऋषि हैं कश्यप, अत्रि, वशिष्ठ, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि और भारद्वाज. इन्होनें भगवान ब्रम्हा से ही ज्ञान प्राप्त किया. इन्हें भगवान ब्रम्हा के पुत्रों के रूप में भी देखा जाता है. ऐसा भी माना जाता है कि आगे चलकर इन सप्तऋषियों ने ही पृथ्वी पर लोगों को धर्म और ज्ञान का महत्व बताया था.

सुबह उठकर लें सप्तऋषियों का नाम 

भगवाम कृष्ण ने गीती के एक उपदेश में बताया है कि सुबह उठकर जो व्यक्ति सप्तऋषियों के नाम का उच्चारण करता है.  उसका पूरा दिम आनंदित और उत्साह से भरा हुआ रहता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, रोजाना सुबह उठकर सप्तऋषियों के नाम का जप करने से जीवन में आने वाली परेशनियों का अंत होता है. इसके साथ ही आपकी आर्थिक तंगी और दरिद्रता से जूझ रहे लोगों को सप्तऋषियों के नाम का जप करना चाहिए. 

सप्तऋषि पूजन का मंत्र

कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः। जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥ दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः'॥

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ऐसे करें मंत्र का उच्चारण

सप्तऋषियों के मंत्र का उच्चारण करने से पहले घर में साफ-सफाई कर लें. स्नान करके घर के किसी स्थान पर हल्दी, रोली, कुमकुम, चंदन आदि से चौकोर मंडल बनाए और वहां सप्तऋषियों की स्थापना करें और अगरबत्ती, धूप, पुष्प आदि अर्पित कर जल से अर्घ्य दें. इसके बाद ऊपर दिए गए मंत्र का उच्चारण करें.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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