नई दिल्ली: बैंक की इंटर्नल रिपोर्ट में चंदा कोचर को भ्रष्टाचार का दोषी पाया गया जिसके बाद बैंक ने उन्हें पद से हटा दिया. टर्मिनेशन क्लॉज की वजह से चंदा कोचर को ICICI बैंक को भारी रकम चुकानी पड़ सकती है. अंग्रेज न्यूज पेपर इकोनॉमिक टाइ्म्स ने पुराने रिकॉर्ड को खंगाला और उसके आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसके मुताबिक, चंदा कोचर को बैंक को 343 करोड़ रुपये देने होंगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2008-2009 से लेकर अब तक उन्हें करीब 343 करोड़ रुपये का ESOPs (एंप्लॉई स्टॉक ऑप्शन) जारी किया गया है. इसके अलावा 10 करोड़ का बोनस भी बनता है.
वित्तीय वर्ष 2009 से 2018 तक चंदा कोचर को ICICI बैंक के करीब 94 लाख शेयर जारी किए गए. वर्तमान में एक शेयर की कीमत करीब 365 रुपये है. उस हिसाब से इतने शेयर की कीमत करीब 343 करोड़ रुपये होगी.
खुद को दोषी ठहराए जाने के बाद चंदा कोचर ने कहा कि बैंक में कर्ज देने का कोई भी फैसला एकतरफा नहीं किया गया था. 'आईसीआईसीआई स्थापित मजबूत प्रक्रियाओं और प्रणालियों वाला संस्थान है, जहां समिति आधारित सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया है तथा इसमें कई उच्च क्षमता वाले पेशेवर भी शामिल होते हैं. इसलिए संगठन का डिजायन और संरचना हितों के टकराव की संभावना को रोकता है.'
कोचर ने कहा, 'मैंने अपने करियर को पूरी ईमानदारी के साथ आगे बढ़ाया है. एक पेशेवर के रूप में मुझे अपने आचरण पर पूरा विश्वास है. मुझे पूरा भरोसा है कि अंत में सत्य की जीत होगी.'