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FD Rules Changed: अगर आप भी फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसा डालते हैं तो आपके लिए काम की खबर है. आरबीआई (RBI) ने एफडी से जुड़े नियमों में बदलाव कर दिया है. नए नियम प्रभावी भी हो चुके हैं. पिछले कुछ दिनों से कई सरकारी और गैर सरकारी बैंकों ने एफडी पर ब्याज दरें बधाई हैं. इसलिए एफडी कराने से पहले थोड़ी समझदारी से काम लीजिए. अगर आपको ये नियम नहीं पता है तो आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है.
दरअसल, RBI ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के नियम में एक बड़ा बदलाव ये किया है कि अब मैच्योरिटी पूरी होने के बाद अगर आप राशि को क्लेम नहीं करते हैं तो आपको इस पर कम ब्याज मिलेगा. ये ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिलने वाले ब्याज के बराबर होगा. अभी आमतौर पर बैंक्स 5 से 10 साल की लंबी अवधि वाले FD पर 5 परसेंट से ज्यादा ब्याज देते हैं. जबकि सेविंग अकाउंट पर ब्याज दरें 3 परसेंट से 4 परसेंट के आस-पास होती हैं.
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RBI की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार, अगर फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योर होता है और राशि का भुगतान नहीं हो पाता है या इस पर दावा नहीं किया जाता है तो उस पर ब्याज दर सेविंग्स अकाउंट के हिसाब से या मैच्योर्ड FD पर निर्धारित ब्याज दर, जो भी कम हो वो दी जाएगी. ये नया नियम सभी कमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होंगे.
इसको ऐसे समझें कि, मान लीजिए आपने 5 साल की मैच्योरिटी वाला FD करवाया है, जो आज मैच्योर हुआ है, लेकिन आप ये पैसा नहीं निकाल रहे हैं तो इस पर दो परिस्थितियां होंगी. अगर FD पर मिल रहा ब्याज उस बैंक के सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से कम है, तो आपको FD वाला ब्याज ही मिलता रहेगा. अगर FD पर मिल रहा ब्याज सेविंग अकाउंट पर मिल रहे ब्याज से ज्यादा है, तो आपको सेविंग अकाउंट पर मिल रहा ब्याज मैच्योपरिटी के बाद मिलेगा.
पहले जब आपकी FD मैच्योर हो जाती थी और अगर आप इसका पैसा नहीं निकालते हैं या इस पर दावा नहीं करते हैं तो बैंक आपकी FD को उसी अवधि के लिए आगे बढ़ा देता था जिसके लिए आपने पहले FD की थी. लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. लेकिन अब मैच्योरिटी पर पैसा नहीं निकालने पर उस पर FD का ब्याज नहीं मिलेगा. इसलिए बेहतर होगा कि आप मैच्योरिटी के बाद तुरंत ही पैसा निकाल लें.