बाजार विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में वृद्धि नहीं करने की संभावना ने उभरते बाजारों के पक्ष में काम किया है.
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नई दिल्ली: विदेशी निवेशकों ने सकारात्मक वैश्विक रुख के चलते मार्च के पहले 15 दिन में घेरलू पूंजी बाजार में 20,400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया. विश्लेषकों ने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते से सकारात्मक नतीजे आने और अमेरिका के फेडरल रिजर्व के ब्याज दर में वृद्धि नहीं करने की संभावना ने उभरते बाजारों के पक्ष में काम किया.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) फरवरी महीने में भी शुद्ध खरीदार रहे. इस दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार (शेयर एवं बॉन्ड बाजार दोनों) में कुल 11,182 करोड़ रुपये का निवेश किया. डिपॉजिटरी के पास मौजूद नवीन आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने एक से 15 मार्च के दौरान शेयर बाजार में शुद्ध रूप से 17,919 करोड़ रुपये का निवेश किया जबकि ऋण बाजार में शुद्ध रूप से 2,499 करोड़ रुपये की पूंजी डाली.
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इस प्रकार, समीक्षाधीन अवधि में पूंजी बाजार में 20,418 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ. फंड्सइंडिया में म्यूचुअल फंड रिसर्च की प्रमुख विद्या बाला ने कहा, 'अमेरिका में ब्याज दर में वृद्धि की आशंका कम होने से उभरते बाजारों में निवेश बढ़ा है. स्थानीय स्तर पर, फरवरी से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने नीचे चल रहे क्षेत्रों जैसे बैंकिंग एवं वित्तीय कंपनियों के शेयरों में लिवाली की.'