जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ, प्रशासन ने किसानों से जमीन लेकर अथॉरिटी को सौंपी
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जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ, प्रशासन ने किसानों से जमीन लेकर अथॉरिटी को सौंपी

एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ हो गया है. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने मंगलवार को किसानों से भूमि पर कब्जा लेकर यमुना प्राधिकरण को 80 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट के लिए दे दी है.

जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ, प्रशासन ने किसानों से जमीन लेकर अथॉरिटी को सौंपी

ग्रेटर नोएडा : एनसीआर में दूसरे एयरपोर्ट जेवर एयरपोर्ट का रास्ता साफ हो गया है. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने मंगलवार को किसानों से भूमि पर कब्जा लेकर यमुना प्राधिकरण को 80 हेक्टेयर भूमि एयरपोर्ट के लिए दे दी है. एयरपोर्ट के पहले चरण में कुल 1334 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है. अब तक किसानों को 719 हेक्टेयर जमीन का मुआवजा 1765 करोड़ रुपये वितरित किया जा चुका है. किसानों से कुल 1238 हेक्टेयर जमीन लेनी है. जमीन का कब्जा लेने के दौरान अधिकारी भारी बरसात में भीगते रहे. इस दौरान डीएम बीएन सिंह और जेवर एयरपोर्ट के नोडल अधिकारी शैलेन्द्र भाटिया मौजूद रहे.

एयरपोर्ट के लिए वैश्विक कंपनियों से बोली मांगी
आपको बता दें नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने पिछले दिनों जेवर में अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के विकास के लिये निविदा जारी कर वैश्विक कंपनियों से बोली आमंत्रित की थी. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस बड़ी परियोजना के क्रियान्वयन को लेकर NIAL का गठन किया है. NIAL के अधिकारियों ने कहा था कि यह हवाईअड्डा दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के बाद दूसरा होगा. पूरी तरह परिचालन में आने पर यह देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा होगा. एयरपोर्ट के विकास में करीब 15,000 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है.

पहले चरण में 4,086.54 करोड़ रुपये की लागत
NIAL के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अरूण वीर सिंह ने बताया था 'राज्य मंत्रिमंडल ने लखनऊ में हुई बैठक में बोली दस्तावेज को मंजूरी दे दी है. NIAL के अनुसार हवाईअड्डे के विकास पर पहले चरण में 4,086.54 करोड़ रुपये की लागत आएगी. लागत में 2,848.35 करोड़ रुपये निजी जमीन के अधिग्रहण के मुआवजे, 894.53 करोड़ रुपये परियोजना से विस्थापित परिवार के पुनर्स्थापना और पुनर्वास, 318.66 करोड़ रुपये अतिरिक्त हर्जाना तथा संपत्ति लागत के लिये है.

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