UMID: रेलवे की तरफ से 100 रुपये लेकर यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन (UMID) कार्ड जारी किया जा रहा है. इस कार्ड के जरिये कुल 37 लाख लोगों को फायदा मिलेगा. इसके जरिये रेलवे पैनल में शामिल अस्पतालों और एम्स में फ्री में इलाज कराया जा सकेगा.
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Railways Health Care Policy: भारतीय रेलवे की तरफ से यात्रियों के लिए पिछले कुछ सालों सेमी हाई स्पीड ट्रेन से लेकर मॉर्डन रेलवे स्टेशन तक की सुविधा दी गई ह. अब रेलवे ने अपनी हेल्थ केयर पॉलिसी में बड़ा बदल किया है. नई पॉलिसी के तहत रेलवे की तरफ से कर्मचारियों, उनके आश्रितों और पेंशनर्स के लिए यूनिक मेडिकल आइडेंटिफिकेशन (UMID) कार्ड जारी किया जाएगा. इस कार्ड के जरिये रेलवे की तरफ से जारी लिस्ट के अनुसार अस्पतालों और सभी एम्स में फ्री इलाज कराया जा सकेगा. इसके लिए किसी तरह के रेफरल की भी जरूरत नहीं होगी.
37 लाख लोगों के लिए जारी की सुविधा
कार्ड को कर्मचारियों और पेंशनर के आग्रह पर जारी किया जाएगा. इसके लिए उनसे 100 रुपये का शुल्क लिया जाएगा. रेलवे की तरफ से कर्मचारियों और पेंशनर को यह सुविधा दिये जाने के बाद करीब साढ़े 12 लाख कर्मचारियों, 15 लाख से ज्यादा पेंशनर्स और 10 लाख आश्रित खुश हैं. दैनिक भास्कर में प्रकाशित खबर के अनुसार रेलवे बोर्ड के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर ट्रांसफॉर्मेशन प्रणव कुमार मलिक की तरफ से यह आदेश जारी किया गया. इसके साथ ही आदेश को कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है.
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नए सिस्टम से पूरी तरह रोक लगने की उम्मीद
इस बारे में रेलवे मिनिस्ट्री और रेलवे बोर्ड को सुझाव दिये गए थे. रेफरल को लेकर कर्मचारियों और पेंशनर्स की तरफ से रेलवे के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं. शिकायतों में कहा गया था कि डॉक्टर अपने चहेते अस्पतालों के नाम पर रेफरल जारी करते थे. जिन अस्पतालों के लिए मरीज की मर्जी होती थी, उनके रेफरल में दिक्कत होती थी. नए सिस्टम इस पर पूरी तरह से रोक लगने की उम्मीद है.
डिजीलॉकर में रखा जाएगा मेडिकल कार्ड
रेलवे कर्मचारियों, पेंशनर्स और उनके आश्रितों को हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (HMIS) के जरिये उनकी रिक्वेस्ट के बाद कार्ड मिलेगा. इसे कर्मचारी और पेंशनर के डिजीलॉकर में रखा जाएगा. एचएमआईएस (HMIS) ऐप पर संबंधित कर्मचारी और पेंशनर की प्रोफाइल पर कार्ड मिलेगा. कार्ड के जरिये रेलवे के पैनल में शामिल किसी भी अस्पताल और सभी एम्स में इलाज कराया जा सकेगा. अब इसके लिए किसी भी प्रकार के रेफरल की जरूरत नहीं होगी.
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कार्ड नहीं होने पर भी होगा इलाज
रेलवे की तरफ से जारी आदेश में कहा गया कि कर्मचारी, पेंशनर या उनके आश्रितों को यूएमआईडी (UMID) कार्ड जारी नहीं होने पर भी ट्रीटमेंट से मना नहीं किया जाएगा. संबंधित अस्पताल या हॉस्पिल से संपर्क करने पर उनकी जानकारी के आधार पर यूएमआईडी नंबर पहले ही बना दिया जाएगा. इससे वे बिना किसी रुकावट के सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. यूनिक कार्ड में बाकी की जानकारी सत्यापित करने के बाद एचएमआईएस (HMIS) डेटाबेस में दर्ज की जाएगी. इसके अलावा 25 एम्स, पीजीआई चंडीगढ़, जेआईपीएमईआर पुडुचेरी, निमहंस बेंगलुरु की ओपीडी व आईपीडी में फ्री इलाज की सुविधा मिलेगी.
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