पैसे नहीं होने की वजह से जेट एयरवेज को अपने 50 से ज्यादा विमानों को खड़ा करना पड़ा है.
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मुंबई: जेट एयरवेज के चेयरमैन नरेश गोयल ने अपने सहयोगी एतिहाद (Etihad Airways) से 750 करोड़ रुपये की तुरंत मदद मांगी है. इसके लिए उन्होंने एतिहाद को एक पत्र लिखकर कहा है कि यदि मदद नहीं की गई तो जेट एयरवेज बंद हो जाएगी. उन्होंने कंपनी के बहुत भारी नकदी संकट का सामना करने का उदाहरण देते हुए कहा कि कंपनी की हालत 'बहुत अनिश्चित' है. उल्लेखनीय है कि किराये पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाए जाने से कंपनी को अपने 50 से ज्यादा विमानों को खड़ा करना पड़ा है.
एतिहाद समूह के मुख्य कार्यकारी टॉनी डगलस को लिखे पत्र में गोयल ने कहा कि अंतरिम तौर पर कोष जुटाने के लिए उसने जेट प्रिवलेज में अपने शेयरों को गिरवी रखने के लिए विमानन मंत्रालय से मंजूरी भी ले ली है. इस लॉयल्टी कार्यक्रम में जेट की हिस्सेदारी 49.9 प्रतिशत है जबकि बहुलांश हिस्सेदारी एतिहाद की है. एतिहाद के पास जेट में अप्रैल 2014 से 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी अबू धाबी में सोमवार को अपने निदेशक मंडल की बैठक के दौरान जेट के समाधान पर विचार विमर्श करेगी. गोयल ने आठ मार्च को लिखे पत्र में कहा, '' अगले हफ्ते की शुरुआत में तत्काल 750 करोड़ रुपये की पूंजी निवेश से इस एयरलाइन को बचाने के लिए मैं आपके समर्थन की उम्मीद करता हूं.''
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इससे पहले 14 फरवरी को जेट एयरवेज के निदेशक मंडल ने कंपनी पर कर्ज का पुनर्गठन (Debt restructuring) करने की योजना को हरी झंडी दे दी थी. इसके बाद कंपनी को कर्ज देने वाले बैंक सबसे बड़े हिस्सेदार बन जाएंगे क्योंकि कंपनी को दिए गए कर्ज को एक रुपये के न्यूनतम मूल्य पर शेयर में परिवर्तित कर दिया जाएगा. शेयरधारकों ने भी इस पुनर्गठन योजना को 21 फरवरी को मंजूर कर दिया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह अंतरिम मदद नहीं की गई तो यह एयरलाइन के भविष्य के लिए बेहतर नहीं होगा और कंपनी बंद हो जाएगी.