भारत की सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' का इतना होगा किराया, खाना लेना जरूरी
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भारत की सबसे तेज ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' का इतना होगा किराया, खाना लेना जरूरी

शताब्दी के मुकाबले इस ट्रेन का किराया 1.5 गुना ज्यादा है.

इस ट्रेन में खाना का रेट किराए के साथ जोड़ कर लिया जाता है. (फाइल)

नई दिल्ली: भारत की सबसे तेज गति से चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस (Train-18) का उद्घाटन पीएम मोदी 15 फरवरी को करेंगे. हर किसी के मन में किराए को लेकर अब तक सवाल थे जिसका खुलासा हो चुका है. एयर कंडीशन चेयर कार टिकट का किराया 1850 रुपये है. एग्जीक्यूटिव चेयर कार का किराया 3520 रुपये है. इसमें कैटरिंग शुल्क भी शामिल है. यह किराया दिल्ली से वाराणसी के लिए है. रिटर्निंग के दौरान चेयर कार का किराया 1795 रुपये और एग्जीक्यूटिव क्लास में चेयर कार का टिकट 3470 रुपये है. हालांकि, इसमें कैटरिंग चार्ज जुड़ा हुआ है.

इस ट्रेन की तुलना शताब्दी और राजधानी जैसी ट्रेन से की जाती है. शताब्दी की बात करें तो दिल्ली से वाराणसी के बीच का जो किराया है उसका डेढ़ गुना चेयर कार का किराया है, जबकि फर्स्ट एसी का 1.4 गुना एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया है. दोनों क्लास में खाने का भी अलग-अलग रेट है.

दिल्ली से वाराणसी जाने के दौरान एग्जीक्यूटिव क्लास में सुबह की चाय, ब्रेकफास्ट और लंच की कीमत 399 रुपये है, जबकि चेयर कार में यह 344 रुपये है. 
ठीक उसी तरह वाराणसी से दिल्ली आने के दौरान एग्जीक्यूटिव क्लास के खाने का रेट 349 रुपये और चेयर कार में खाने का रेट 288 रुपये है. दिल्ली से वाराणसी के बीच ट्रेन के दो स्टॉपेज- कानपुर और प्रयागराज है. ट्रेन 18 से 755 किलोमीटर की दूरी 8 घंटे में तय होगी.

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आधुनिक सुविधाओं से लैस और बिना इंजन के दौड़ने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस को बुलेट ट्रेन के मॉडल पर तैयार किया गया है. ट्रेन को ट्रायल के दौरान 180 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार पर दौड़ाया गया है. नई ट्रेन शताब्दी की जगह लेगी, अभी शताब्दी की रफ्तार 130 किमी प्रति घंटे तक है. ऐसे में नई एक्सप्रेस ट्रेन के सफर से लोगों के समय में 15 से 20 प्रतिशत तक की बचत होगी.

वंदे भारत एक्सप्रेस की खास बात यह है कि इसमें आपको दूसरी ट्रेनों की तरह इंजन दिखाई नहीं देगा. जिस पहले कोच में ड्राइविंग सिस्टम लगया गया है, उसमें 44 सीटें दी गई हैं. वहीं ट्रेन के बीच में लगे दो एग्जीक्यूटिव कोच में 52 सीटें होंगी. इसके अलावा अन्य कोच में 78 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था की गई है.

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ट्रेन के कोच में स्पेन से मंगाई गई विशेष सीट लगाई गई हैं, इन्हें जरूरत पड़ने पर 360 डिग्री तक घुमाया जा सकता है. अभी इसे दिल्ली से वाराणसी के रूट पर चलाया जाएगा. आने वाले समय में उम्मीद है कि इसे देश के प्रमुख रेल मार्गों पर चलाया जाएगा. कोच में दिव्यांगों के लिए विशेष रूप से दो बाथरूम और बेबी केयर के लिए विशेष स्थान दिया गया है.

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ट्रेन में जंजीर अब पुरानी बात हो जाएगी. वंदे भारत एक्सप्रेस में दो इमरजेंसी स्विच लगाए गए हैं. आपात स्थिति में इसे दबाकर मदद ली जा सकती है. ट्रेन में यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए हर छोटी-बड़ी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है.

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